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किन्नौर में बादल फटने से मचा हड़कंप: गाड़ियां बहीं, लोग जंगलों में छिपे; हिमाचल की 606 सड़कें बंद

हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में निचार के पास बादल फटने की घटना ने पूरे इलाके में अफरातफरी मचा दी है। पानी और मलबे के तेज बहाव में गाड़ियां बह गईं और कुछ मकानों को नुकसान पहुंचा। जान बचाने के लिए ग्रामीण जंगलों की ओर भागे।
Post Published By: Nidhi Kushwaha
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किन्नौर में बादल फटने से मचा हड़कंप: गाड़ियां बहीं, लोग जंगलों में छिपे; हिमाचल की 606 सड़कें बंद

Kinnaur: हिमाचल प्रदेश एक बार फिर प्राकृतिक आपदा की चपेट में आ गया है। किन्नौर जिले के निचार क्षेत्र में देर रात बादल फटने से भारी तबाही मच गई। तेज बारिश और मलबे के बहाव से कई गाड़ियां बह गईं और क्षेत्र के कुछ मकानों को भी गंभीर क्षति पहुंची है।

देर रात जंगलों की ओर भागे लोग

इस भयावह दृश्य को देखकर लोग अपने घरों से निकलकर नजदीकी जंगलों की ओर भागे और वहीं शरण लेकर किसी तरह अपनी जान बचाई। स्थानीय प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रात के समय मौसम सामान्य था, लेकिन कुछ ही देर में अचानक बादल फटने की आवाज आई और नाले-झरने उफान पर आ गए।

भारी जलप्रवाह ने सड़क किनारे खड़ी गाड़ियों को अपनी चपेट में ले लिया, वहीं कुछ वाहन मलबे में दब गए। घटना के तुरंत बाद पूरे क्षेत्र में बिजली गुल हो गई और अफरातफरी का माहौल छा गया।

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किसी के हताहत होने की पुष्टि नहीं

प्रशासन को जैसे ही सूचना मिली, पुलिस और राहत दल मौके पर पहुंचे। बचाव कार्य तुरंत शुरू किया गया। हालांकि राहत की बात यह रही कि इस हादसे में किसी के हताहत होने की पुष्टि नहीं हुई है। फिर भी कई लोग मानसिक आघात और भय की स्थिति में हैं।

हिमाचल में 606 सड़कें बंद

बादल फटने की यह घटना हिमाचल में लगातार हो रही बारिश के बीच सामने आई है, जिससे राज्यभर में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) के अनुसार, अब तक प्रदेश में 606 सड़कें बंद हो चुकी हैं, जिनमें एनएच-3 (अटारी-लेह) और एनएच-503ए (अमृतसर-भोटा) जैसे प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग भी शामिल हैं।

कुल्लू जिले में सबसे ज्यादा 203 सड़कें, मंडी में 198 और शिमला जिले में 51 सड़कें बाधित हैं। सड़कें मलबे से पट चुकी हैं और यातायात पूरी तरह ठप है। कई गांवों का संपर्क जिला मुख्यालयों से कट गया है।

मौसम विभाग ने आगामी कुछ दिनों में और अधिक भारी बारिश, तेज हवाओं और ओलावृष्टि की संभावना जताई है। शिमला, पालमपुर, कांगड़ा और सुंदरनगर में तेज बारिश दर्ज की गई है, वहीं ताबो और बजौरा में हवाएं 33 से 35 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलीं। प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे नदी-नालों से दूर रहें और भूस्खलन संभावित इलाकों में न जाएं।

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अबतक 424 लोगों की मौत

गौरतलब है कि इस मानसून सीजन में राज्य में अब तक 46 बादल फटने, 98 अचानक बाढ़ और 146 बड़े भूस्खलन की घटनाएं हो चुकी हैं। इन आपदाओं में अब तक 424 लोगों की मौत, 481 लोग घायल और 45 अब भी लापता बताए जा रहे हैं। इनमें से 242 मौतें भारी बारिश और भूस्खलन से और 182 सड़क हादसों से हुई हैं। प्राकृतिक आपदाओं की इस बढ़ती संख्या ने राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग की तैयारियों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। फिलहाल प्रशासन अलर्ट मोड में है और लगातार निगरानी रखी जा रही है।

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