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पाक-अफगान सीजफायर का अंत: तालिबान के साथ पाकिस्तान के रिश्तों में खटास! शहबाज शरीफ ने यूनिटी का रोना रोया

पाक और अफगान के बीच 48 घंटे का अस्थाई सीजफायर खत्म होने वाला है, जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव फिर से बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। इस बीच, खैबर पख्तूनख्वा के सीएम सुहैल अफरीदी ने शहबाज शरीफ की बैठक का बहिष्कार किया।
Post Published By: Asmita Patel
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पाक-अफगान सीजफायर का अंत: तालिबान के साथ पाकिस्तान के रिश्तों में खटास! शहबाज शरीफ ने यूनिटी का रोना रोया

New Delhi: 15 अक्टूबर को पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच 48 घंटे का अस्थाई सीजफायर लागू हुआ था, जो आज शाम 6 बजे खत्म हो जाएगा। यह सीजफायर दोनों देशों के बीच चमन और स्पिन बोल्डक सीमा पर हुई घातक झड़पों के बाद तनाव कम करने के लिए लागू किया गया था। हालांकि, इस सीजफायर की मियाद खत्म होने से पहले ही पाकिस्तान में राजनीतिक और प्रशासनिक उथल-पुथल मच चुकी है।

पाकिस्तान में राजनीतिक असहमति

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक ओर यूनिटी का मुद्दा उठाया है, लेकिन इस मुद्दे के बीच खैबर पख्तूनख्वा के नए मुख्यमंत्री सुहैल अफरीदी ने उनके नेतृत्व को नकारते हुए उनकी उच्चस्तरीय बैठक का बहिष्कार किया है। मुख्यमंत्री अफरीदी ने खुद को 17 अक्तूबर को होने वाली बैठक से दूर कर लिया और इसकी वजह बताते हुए कहा कि उनके पास अन्य जरूरी प्रतिबद्धताएँ थीं।

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सैन्य सचिव से अनुमति का अनुरोध

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में होने वाली इस महत्वपूर्ण बैठक में खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। मुख्यमंत्री अफरीदी ने प्रधानमंत्री के सैन्य सचिव से यह अनुरोध किया कि मुज्जमिल असलम को प्रांत का प्रतिनिधित्व करने की अनुमति दी जाए। इस घटनाक्रम से साफ जाहिर होता है कि पाकिस्तान की राजनीति में एक आंतरिक संकट उभर रहा है, जिसमें क्षेत्रीय सरकारों और केंद्रीय नेतृत्व के बीच विश्वास की कमी दिखाई दे रही है।

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तालिबान के साथ पाकिस्तान के रिश्तों में खटास

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच संबंध पिछले कुछ समय से तनावपूर्ण बने हुए हैं, खासकर तब से जब तालिबान ने अफगानिस्तान में सत्ता संभाली। पिछले हफ्ते पाकिस्तान ने काबुल में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के कैंपों पर हमला किया, जो इन दोनों देशों के बीच संबंधों में और खटास का कारण बना। इन घटनाओं ने पाकिस्तान के सुरक्षा मामलों पर गहरा असर डाला है।

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