New Delhi: क्या आपने कभी बिना किसी भारी काम या तनाव के बैठे-बैठे अपनी दिल की धड़कन अचानक तेज महसूस की है? अगर हां, तो यह एक अलार्मिंग सिग्नल हो सकता है जिसे अनदेखा करना खतरनाक साबित हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, बिना कारण हार्टबीट का तेज़ हो जाना (Resting Tachycardia) कई बार टैचीकार्डिया (Tachycardia) या अन्य हृदय संबंधी समस्याओं का संकेत देता है।
क्या है टैचीकार्डिया?
टैचीकार्डिया एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें दिल की धड़कन सामान्य से अधिक तेज़ हो जाती है यानी हर मिनट में 100 बीट्स से ज़्यादा। जब यह स्थिति बिना किसी शारीरिक गतिविधि या मानसिक उत्तेजना के भी बनी रहती है, तब यह चिंता का विषय बन सकती है।
बैठे-बैठे दिल की धड़कन बढ़ने के संभावित कारण
- तनाव और एंग्ज़ायटी: मानसिक तनाव और चिंता की स्थिति में शरीर एड्रेनालिन रिलीज़ करता है, जिससे हार्ट रेट बढ़ जाता है।
- कैफीन और निकोटीन का अधिक सेवन: चाय, कॉफी, एनर्जी ड्रिंक्स और धूम्रपान से दिल की धड़कन असामान्य रूप से तेज हो सकती है।
- थायरॉइड असंतुलन: हाइपरथायरॉइडिज्म भी हार्टबीट को प्रभावित करता है।
- डिहाइड्रेशन और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन: शरीर में पानी और मिनरल्स की कमी से हृदय गति प्रभावित होती है।
- हृदय संबंधी बीमारियां: जैसे कार्डियक अरिदमिया, हार्ट ब्लॉकेज या टैचीकार्डिया।
लक्षण जिन पर ध्यान देना ज़रूरी है
- बैठने या आराम करते समय अचानक दिल की तेज़ धड़कन
- चक्कर आना या आंखों के सामने अंधेरा छाना
- सीने में दर्द या घबराहट
- सांस लेने में तकलीफ
- कमजोरी या थकान
- यदि ये लक्षण बार-बार महसूस हों, तो बिना देरी किए कार्डियोलॉजिस्ट से परामर्श लें।
बचाव और सावधानियां
- तनाव कम करें: मेडिटेशन, योग और गहरी सांसों की एक्सरसाइज अपनाएं।
- कैफीन और स्मोकिंग से दूरी बनाएं।
- समय पर भोजन और भरपूर नींद लें।
- हृदय की नियमित जांच कराएं, खासकर यदि आपको पहले से कोई हार्ट संबंधी समस्या है या पारिवारिक इतिहास है।
- शारीरिक गतिविधियों को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं, लेकिन ओवरएक्सर्ट न करें।
डिस्क्लेमर
इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य ज्ञान और स्वास्थ्य से संबंधित स्रोतों पर आधारित है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सकीय सलाह का विकल्प नहीं है। डाइनामाइट न्यूज़ इस लेख में दी गई जानकारी को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है। यदि आप किसी स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित हैं तो कृपया पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

