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डायबिटीज का बढ़ता खतरा: हर उम्र के लिए खतरे की घंटी बनी ये बीमारी, जानें किस वजह से बढ़ रहा खतरा

डायबिटीज यानी मधुमेह अब सिर्फ बुजुर्गों की बीमारी नहीं रह गई है। आधुनिक जीवनशैली, गलत खान-पान और शारीरिक निष्क्रियता के चलते यह रोग अब बच्चों और युवाओं को भी तेजी से अपनी चपेट में ले रहा है। हाल ही में हुए एक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि कृत्रिम रूप से मीठे पेय पदार्थों का सेवन डायबिटीज के खतरे को काफी हद तक बढ़ा सकता है।
Post Published By: Mayank Tawer
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डायबिटीज का बढ़ता खतरा: हर उम्र के लिए खतरे की घंटी बनी ये बीमारी, जानें किस वजह से बढ़ रहा खतरा

New Delhi: डायबिटीज का खतरा अब सभी उम्र के लोगों में देखा जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि जिन परिवारों में पहले से मधुमेह का इतिहास रहा है, उन लोगों में यह रोग और भी तेजी से विकसित हो सकता है। यही वजह है कि कम उम्र से ही स्वस्थ जीवनशैली और संतुलित आहार को अपनाना आवश्यक हो गया है। ब्लड शुगर के स्तर पर सबसे अधिक असर हमारी खान-पान की आदतों का होता है। इसीलिए, डायबिटीज से बचने के लिए भोजन की गुणवत्ता, मात्रा और समय पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

एक डिब्बा डाइट सोडा और 38% बढ़ा जोखिम

ऑस्ट्रेलिया स्थित मोनाश यूनिवर्सिटी और कैंसर काउंसिल विक्टोरिया के वैज्ञानिकों ने लगभग 14 वर्षों तक 36,000 से ज्यादा लोगों पर एक अध्ययन किया। इसमें यह पाया गया कि जो लोग रोजाना एक कैन डाइट सोडा पीते हैं, उनमें डायबिटीज होने का खतरा 38% तक बढ़ सकता है। यह आंकड़ा पारंपरिक शर्करा युक्त पेयों से भी अधिक है, जिनसे जोखिम 23% तक पाया गया। चौंकाने वाली बात यह रही कि डाइट पेयों को अक्सर सुरक्षित विकल्प माना जाता है, लेकिन यह अध्ययन इस धारणा को नकारता है।

मोटापा ही नहीं, मेटाबॉलिज्म भी प्रभावित

इस अध्ययन में यह भी पाया गया कि मीठे पेय पदार्थों और डायबिटीज के बीच संबंध केवल मोटापे तक सीमित नहीं है। भले ही व्यक्ति सामान्य वजन का हो, लेकिन अगर वह नियमित रूप से कृत्रिम मीठे पेय का सेवन करता है, तो उसका मेटाबॉलिज्म प्रभावित होता है। इसका सीधा असर इंसुलिन की कार्यप्रणाली पर पड़ता है, जिससे शुगर का स्तर अनियंत्रित हो सकता है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

इस शोध की रिपोर्ट ‘डायबिटीज एंड मेटाबॉलिज्म’ नामक जर्नल में प्रकाशित हुई है। शोध की वरिष्ठ लेखिका प्रोफेसर डी. कोर्टेन ने बताया कि यह निष्कर्ष कृत्रिम मिठास वाले पेयों को सुरक्षित मानने की आम धारणा को चुनौती देते हैं। उन्होंने कहा कि अध्ययन में शामिल 40-69 वर्ष की आयु के लोगों के आहार, शिक्षा, स्वास्थ्य इतिहास को ध्यान में रखते हुए विश्लेषण किया गया। जिससे निष्कर्ष अधिक सटीक हैं।

डायबिटीज से बचाव के उपाय

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार डायबिटीज से बचाव के लिए हमें कम उम्र से ही सतर्क रहना चाहिए। नियमित दिनचर्या, नियंत्रित आहार और हल्की-फुल्की शारीरिक गतिविधि से इस रोग से बचा जा सकता है।

एक अध्ययन में विशेषज्ञों ने एक आसान और कारगर उपाय “10-10-10 रूल” बताया है

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