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प्रेमानंद महाराज के आश्रम पहुंचे रैपर बादशाह, प्यार, सत्य और रिश्तों को लेकर पूछा ये सवाल

वृंदावन स्थित प्रेमानंद महाराज के आश्रम में पहुंचे मशहूर रैपर बादशाह और उनके भाई ने संत से जीवन और सत्य पर गहरे सवाल किए। बादशाह के भाई ने सत्य बोलने पर समाज से दूरी की बात कही, जिस पर प्रेमानंदजी ने जानिये क्या जवाब दिया।
Post Published By: Nidhi Kushwaha
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प्रेमानंद महाराज के आश्रम पहुंचे रैपर बादशाह, प्यार, सत्य और रिश्तों को लेकर पूछा ये सवाल

Mathura: मनोरंजन जगत की चकाचौंध के बीच जब आत्मा शांति की तलाश करती है, तो उसका रुख अक्सर अध्यात्म की ओर होता है। ऐसा ही दृश्य देखने को मिला जब मशहूर रैपर बादशाह वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज के आश्रम पहुंचे। इससे पहले अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी भी यहां आ चुकी हैं। अब बादशाह और उनके भाई भी संत के प्रवचनों से प्रभावित होकर उनके दर्शन करने पहुंचे।

सतसंग में पहुंचे रैपर

बादशाह अपने भाई के साथ आश्रम में पहुंचे और वहां चल रहे सत्संग में भाग लिया। इस दौरान बादशाह के भाई ने प्रेमानंदजी से एक बेहद गंभीर सवाल पूछा, जिसने सत्संग में उपस्थित सभी लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया।

बादशाह के भाई का सवाल

उन्होंने कहा, “हम मानते हैं कि इंसान इस दुनिया में एक-दूसरे की मदद के लिए आया है। लेकिन जब कोई सत्य बोलता है, तो रिश्ते टूटने लगते हैं, प्यार दूर हो जाता है। जैसे सत्य बोलने से जीवन में श्राप लग गया हो, काम रुक जाते हैं, इंसान अकेला हो जाता है। ऐसे में क्या करें?”

प्रेमानंद महाराज का उत्तर

प्रेमानंदजी ने उत्तर दिया कि “अगर इंसान थोड़ा भी मजबूत हो, तो भगवान उसका साथ देते हैं। संसार असत्य में लिप्त है, सत्य का मार्ग कठिन है। जब तुम सत्य में जाओगे, तो कोई साथ नहीं देगा, पर वह साथ देगा जिसकी कृपा से सब कुछ संभव है। सत्य बोलने पर लोगों के व्यवहार में कटुता आ सकती है, लेकिन अगर परमात्मा प्रसन्न हुआ, तो वही लोग तुम्हें नमन करेंगे।”

उन्होंने आगे कहा, “सत्य को आज भी सम्मान मिलता है, वरना लोग संतों के पास क्यों आते? संत-महात्मा भी सत्य के मार्ग पर ही चलते हैं। इसलिए सत्य से घबराना नहीं चाहिए, बल्कि उसी में जीवन का सार है।”

बादशाह की प्रतिक्रिया

इस सत्संग के दौरान बादशाह शांत मन से सब कुछ सुनते रहे और जाते समय उन्होंने प्रेमानंदजी का आशीर्वाद लिया। सूत्रों के अनुसार, बादशाह इस सत्संग से गहराई से प्रभावित हुए और उन्होंने इस अनुभव को जीवन के लिए एक नई दिशा बताया।

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