New Delhi: राजस्थान की बेटी मनिका विश्वकर्मा ने 18 अगस्त 2025 को जयपुर में आयोजित मिस यूनिवर्स इंडिया प्रतियोगिता जीतकर न केवल राज्य बल्कि पूरे देश को गौरवान्वित किया है। इस प्रतियोगिता में उन्हें पूर्व विजेता रिया सिंहा द्वारा ताज पहनाया गया। अब वे नवंबर में थाईलैंड में आयोजित होने वाली 74वीं मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता में भारत की तरफ से भाग लेंगी।
प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन
इस प्रतिष्ठित मंच पर मनिका के साथ देशभर से चुनी गई प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। उत्तर प्रदेश की तान्या शर्मा फर्स्ट रनर-अप बनीं, जबकि महक ढींगरा और अमीषी कौशिक ने क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया। प्रतियोगिता के हर राउंड में मनिका ने अपनी खूबसूरती, आत्मविश्वास और सामाजिक दृष्टिकोण से सबका दिल जीत लिया।
कौन हैं मनिका विश्वकर्मा?
23 वर्षीय मनिका विश्वकर्मा राजस्थान के श्रीगंगानगर की रहने वाली हैं, और वर्तमान में दिल्ली में रहकर राजनीति विज्ञान और अर्थशास्त्र में स्नातक की पढ़ाई पूरी कर रही हैं। उन्होंने अपने ब्यूटी पेजेंट करियर की शुरुआत मिस यूनिवर्स राजस्थान 2024 का खिताब जीतकर की थी।
मनिका केवल खूबसूरत ही नहीं, बल्कि सामाजिक रूप से जागरूक भी हैं। वे ‘न्यूरोनोवा’ नामक एक सामाजिक पहल की संस्थापक हैं, जिसका उद्देश्य न्यूरोडायवर्जेंट लोगों के प्रति समाज की सोच को बदलना है। इसके साथ ही वे एक प्रशिक्षित क्लासिकल डांसर, पेंटर, और एनसीसी ग्रेजुएट भी हैं।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर अनुभव
मनिका को पहले भी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व करने का अनुभव है। उन्होंने विदेश मंत्रालय की ओर से आयोजित बिम्सटेक सेवोकॉन सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। इसके अलावा उन्हें ललित कला अकादमी और जेजे स्कूल ऑफ आर्ट्स जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से सम्मानित किया जा चुका है।
जीत के बाद मनिका ने क्या कहा?
अपनी जीत पर प्रतिक्रिया देते हुए मनिका थोड़ी भावुक नजर आईं। उन्होंने कहा, ‘यह एहसास बहुत ही अमेजिंग है। यह सफ़र अद्भुत रहा है। मैं अपने मेंटर्स, अपने टीचर्स, अपने पेरेंट्स और दोस्तों का शुक्रिया अदा करती हूं। मेरा लक्ष्य है भारत को गर्व महसूस कराना और मिस यूनिवर्स का ताज देश में लाना।’
गंगानगर से ग्लोबल स्टेज तक
मनिका ने बताया कि उनका सफर गंगानगर से दिल्ली तक और फिर अंतरराष्ट्रीय मंच तक का रहा है। उन्होंने कहा, ‘हमें खुद में आत्मविश्वास और साहस जगाने की ज़रूरत है। यह प्रतियोगिता सिर्फ़ एक फील्ड नहीं, बल्कि एक ऐसी दुनिया है जो इंसान के कैरेक्टर का निर्माण करती है।’