New Delhi: दिल्ली-एनसीआर के सामुदायिक कुत्तों को हटाने का सुप्रीम कोर्ट का आदेश बॉलीवुड हस्तियों के लिए चिंता का विषय बन गया है। सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त 2025 को अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे इन कुत्तों को आश्रय गृहों में भेजें, ताकि बढ़ते हुए हमलों और रेबीज से होने वाली मौतों को रोका जा सके। इस फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अभिनेता जॉन अब्राहम ने भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई से याचिका भेजी है, जिसमें उन्होंने कोर्ट के आदेश की समीक्षा की अपील की है।
जॉन अब्राहम की याचिका
जॉन अब्राहम ने एक पत्र में लिखा, “सुप्रीम कोर्ट का आदेश दिल्ली के सामुदायिक कुत्तों को हटाने के बारे में है, जो कई पीढ़ियों से इस इलाके में मानवों के साथ रहते आए हैं। यह आदेश एबीसी (पशु जन्म नियंत्रण) नियमों के खिलाफ है, जो कुत्तों के विस्थापन की बजाय उनकी नसबंदी और टीकाकरण को प्राथमिकता देता है।” उन्होंने बताया कि जहां इस कार्यक्रम को प्रभावी तरीके से लागू किया गया है, वहां कुत्तों की आबादी नियंत्रित करने में सफलता मिली है। उदाहरण स्वरूप, जयपुर और लखनऊ जैसे शहरों ने कुत्तों की नसबंदी के माध्यम से इस समस्या को काफी हद तक कम किया है।
नसबंदी का प्रभाव और विस्थापन की विफलता
जॉन ने यह भी बताया कि नसबंदी के दौरान कुत्तों को रेबीज का टीका भी दिया जाता है, जिससे कुत्तों की हिंसा और हमले की घटनाओं में कमी आती है। उनका कहना है कि विस्थापन एक असफल उपाय है, क्योंकि इससे केवल समस्या बढ़ेगी। नए कुत्ते उन स्थानों पर आकर बसे जाएंगे, जो पहले से बिना टीकाकरण और नसबंदी के कुत्तों के लिए प्रजनन स्थल बन सकते हैं। इसके परिणामस्वरूप, प्रतिस्पर्धा और स्वास्थ्य जोखिमों में वृद्धि होगी।
वरुण धवन और जान्हवी कपूर का विरोध
इस मामले में अभिनेता वरुण धवन और जान्हवी कपूर ने भी अपनी चिंता व्यक्त की। वरुण धवन ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट साझा करते हुए इस आदेश को “सभी कुत्तों के लिए मौत की सजा” बताया। जान्हवी कपूर ने भी इस निर्णय की आलोचना करते हुए इसे कुत्तों के अधिकारों का उल्लंघन करार दिया। दोनों ने इस फैसले के मानवीय पहलू को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया और सामुदायिक कुत्तों के साथ सहअस्तित्व की आवश्यकता पर जोर दिया।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश और भविष्य की दिशा
सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त को यह आदेश दिया था कि दिल्ली-एनसीआर में कुत्तों की संख्या पर नियंत्रण पाने के लिए उन्हें सार्वजनिक स्थानों से हटाकर आश्रय स्थलों में भेजा जाए। इस आदेश से उन कुत्तों की सुरक्षा की चिंता जताई जा रही है, जो पहले से ही इन क्षेत्रों में रहने वाले थे और जिनका मानवों के साथ एक गहरा संबंध था।
अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि इस आदेश का उद्देश्य दिल्ली के निवासियों को बेहतर सुरक्षा प्रदान करना है, खासकर कुत्तों के हमलों और रेबीज के कारण होने वाली मौतों के मद्देनजर। हालांकि, बॉलीवुड की हस्तियां इसे एक अस्थिर और अप्रभावी उपाय मान रही हैं।