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Sambhal News: सपा सांसद जिया उर्र रहमान पर बिजली चोरी का मामला, हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत

सपा सांसद जिया उर्र रहमान बर्क को प्रयागराज हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: Asmita Patel
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Sambhal News: सपा सांसद जिया उर्र रहमान पर बिजली चोरी का मामला, हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत

संभल: समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर्र रहमान बर्क को प्रयागराज हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ बिजली चोरी के मामले में बिजली विभाग की कार्रवाई को गलत ठहराया और सांसद के बिजली कनेक्शन को बहाल करने का आदेश दिया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता से मिली जानकारी के अनुसार, इसके अलावा कोर्ट ने बिजली विभाग पर 1.91 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाए जाने के फैसले को भी मनमानी करार दिया है।

जुर्माना मामले में हाईकोर्ट की महत्वपूर्ण टिप्पणी

हाईकोर्ट ने इस मामले में टिप्पणी करते हुए कहा कि 12 साल पुराने बिजली चोरी के मूल्यांकन में गंभीर गलतियां हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि 1 करोड़ 91 लाख रुपये का जुर्माना मांगना पूरी तरह से मनमानी के समान है। यह जुर्माना सांसद पर एक बड़ा आर्थिक बोझ डालता है, जो कि न्यायसंगत नहीं है। हाईकोर्ट का मानना है कि मामले की जांच सही तरीके से नहीं की गई और जुर्माने की राशि अत्यधिक है।

बिजली विभाग की कार्रवाई पर सवाल उठाए

कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि बिजली विभाग की ओर से सांसद के खिलाफ की गई कार्रवाई गलत थी। विभाग ने सांसद के खिलाफ बिना उचित मूल्यांकन के जुर्माना लगाया था, जो कि कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन था। कोर्ट ने इस प्रकार की कार्रवाई पर सख्त एतराज जताया और विभाग को निर्देश दिया कि वह मामले पर पुनः विचार करें।

सांसद के बिजली कनेक्शन को बहाल करने का आदेश

हाईकोर्ट ने सांसद जिया उर्र रहमान बर्क के बिजली कनेक्शन को बहाल करने का आदेश भी दिया। कोर्ट ने बिजली विभाग को तीन सप्ताह के भीतर इस आदेश का पालन करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही विभाग से इस मामले में एक विस्तृत जवाब भी दाखिल करने को कहा गया है।

बिजली विभाग को तीन सप्ताह का समय

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, बिजली विभाग को अब तीन सप्ताह का समय दिया गया है। इस दौरान विभाग को सांसद के मामले में अपनी कार्रवाई पर पुनः विचार करना होगा और कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करना होगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर विभाग का जवाब संतोषजनक नहीं होता तो आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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