Site icon Hindi Dynamite News

ऑनलाइन गेमिंग से कहीं आप भी तो नहीं हुए शिकार, पुलिस ने किया बड़ा खुलासा

गेमिंग की आड़ में ठगी करने वाले गिरोह का पुलिस ने खुलासा किया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: Asmita Patel
Published:
ऑनलाइन गेमिंग से कहीं आप भी तो नहीं हुए शिकार, पुलिस ने किया बड़ा खुलासा

मैनपुरी: जिले में एसओजी टीम और साइबर पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की। ऑनलाइन गेमिंग के नाम पर देशभर में ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने इस गिरोह के तीन शातिर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, जो बिना पंजीकरण के फर्जी ऑनलाइन गेमिंग ऐप्स के जरिये लोगों को ठगते थे।

गेम खिलाने के नाम पर करते थे धोखाधड़ी

गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वे लोगों को आसान पैसे कमाने का लालच देकर अपने ऐप्स पर रजिस्ट्रेशन करवाते थे। फिर खेल में निवेश कराने के नाम पर बड़ी रकम हड़प लेते थे। गेम में बार-बार जीत का झांसा देकर पहले थोड़ा फायदा दिखाते, फिर बड़ी रकम डलवाकर संपर्क तोड़ देते थे।

60 लाख रुपये के खाते फ्रीज

पुलिस ने ठगों के बैंक खातों की जांच कर 60 लाख रुपये की रकम फ्रीज कर दी है। इनके पास से एक लैपटॉप, सात मोबाइल फोन और पांच एटीएम कार्ड बरामद किए गए हैं। इसके साथ ही आरोपियों ने 40 बैंक खातों का उपयोग किया था। जिनमें से 34 खातों को पुलिस ने सीज करा दिया है।

देशभर में फैला था ठगी का नेटवर्क

बता दें कि गिरफ्तार ठगों का नेटवर्क केवल यूपी तक सीमित नहीं था। इनकी ठगी का दायरा मध्यप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, केरल, जम्मू-कश्मीर तक फैला हुआ था। इन सभी राज्यों में आरोपियों के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज की गई हैं। पुलिस का कहना है कि ये गैंग अब तक सैकड़ों लोगों को अपना शिकार बना चुका है।

एसपी सिटी ने किया खुलासा

पूरे मामले का खुलासा एसपी सिटी मैनपुरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए किया। उन्होंने बताया कि गिरोह के सदस्य बेहद संगठित तरीके से काम करते थे और टेक्नोलॉजी का गलत इस्तेमाल कर रहे थे। पुलिस अब गिरोह के अन्य सदस्यों और सहयोगियों की तलाश में जुटी है।

साइबर ठगी से सावधान रहने की अपील

पुलिस प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी अंजान ऑनलाइन गेमिंग ऐप या स्कीम में अपने बैंक डिटेल या पैसे शेयर न करें। साइबर अपराध से जुड़ी किसी भी घटना की तुरंत सूचना स्थानीय पुलिस या साइबर सेल को दें।

Exit mobile version