Chandigarh: चंडीगढ़ में पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) में सोमवार को चुनाव को लेकर भारी तनाव देखने को मिला। छात्र संगठनों के समर्थक यूनिवर्सिटी के गेट नंबर 1 और 2 पर जमा हुए और अपने-अपने गुटों के समर्थन में नारेबाजी करने लगे। बताया जा रहा है कि छात्र संगठनों के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा और सत्ता में रहने की चाह ने स्थिति को बिगाड़ दिया।
पुलिस ने किया लाठीचार्ज
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए चंडीगढ़ पुलिस ने बल का प्रयोग किया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया और यूनिवर्सिटी परिसर में घुसने वाले लोगों को रोकने का प्रयास किया। इससे कुछ छात्रों और प्रदर्शनकारियों को चोटें आई हैं।
पंजाबी गायक भी प्रदर्शन में शामिल
इस दौरान कुछ पंजाबी गायक भी प्रदर्शन में शामिल हुए। उनका कहना था कि वे छात्रों के अधिकारों और यूनिवर्सिटी के स्वायत्तता के समर्थन में हैं। गायक और स्थानीय कलाकारों के शामिल होने से प्रदर्शन और अधिक तेज़ और भावनात्मक हो गया।
गेट तोड़कर प्रवेश
सूत्रों के अनुसार, सेक्टर-15 की ओर से बड़ी भीड़ यूनिवर्सिटी के गेट नंबर 1 की तरफ बढ़ी। पहले समझाने की पुलिस की कोशिशें नाकाम रहीं, फिर भीड़ ने गेट तोड़कर कैंपस में प्रवेश कर लिया। घटना के दौरान यूनिवर्सिटी के अधिकारियों और एसएसपी भी मौके पर मौजूद थे, लेकिन भीड़ को नियंत्रित नहीं किया जा सका।
छात्र संगठनों और राज्यों का विरोध
हिन्दुस्तान स्टूडेंट एसोसिएशन (एचएसए) ने हरियाणा के छात्रों के साथ मिलकर प्रदर्शन की योजना बनाई। उनका कहना था कि पीयू पंजाब की ही नहीं है बल्कि हरियाणा, हिमाचल और अन्य राज्यों के छात्रों के लिए भी है। एचएसए ने यूनिवर्सिटी को “सार्वजनिक और समावेशी” बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया।
किसान जत्थों की भागीदारी
प्रदर्शन में किसानों के जत्थे भी शामिल हुए। हाथों में झंडे लेकर किसान यूनिवर्सिटी परिसर में घुस गए। पीयू बचाओ मोर्चा ने गेट नंबर 2 से गिरफ्तार किए गए छात्रों को तुरंत रिहा करने की चेतावनी दी। प्रशासन और पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
चंडीगढ़ प्रशासन ने यूनिवर्सिटी परिसर की सुरक्षा बढ़ा दी है। अधिकारियों का कहना है कि भविष्य में ऐसे किसी भी अप्रत्याशित हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए यूनिवर्सिटी और पुलिस मिलकर सुरक्षा उपाय करेंगे।

