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पीड़िता को 5 साल बाद मिला इंसाफ, कोर्ट का फैसला सुनकर रोने लगा शैतान, जानें पूरा मामला

कहते है कि भगवान के घर में देर है, लेकिन अंधेर नहीं। ताजा मामला कानपुर देहात क्षेत्र से आया है, जहां एक रेप पीड़िता को 5 साल बाद जिला कोर्ट ने न्याय दिया।
Post Published By: Asmita Patel
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पीड़िता को 5 साल बाद मिला इंसाफ, कोर्ट का फैसला सुनकर रोने लगा शैतान, जानें पूरा मामला

Kanpur Dehat News: कानपुर देहात के सट्टी थाना क्षेत्र में 11 अगस्त 2020 को एक नाबालिग लड़की के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में न्यायालय ने कठोर फैसला सुनाया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, इस संगीन अपराध में आरोपी रंजीत को दोषी करार देते हुए 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। साथ में 45 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है।

वारदात के वक्त 14 साल की थी पीड़िता

यह मामला पीड़िता के परिवार से संबंधित है, जिसमें पीड़िता की उम्र केवल 14 वर्ष है। घटना के समय उसके मां-पिता दोनों घर पर नहीं थे। पीड़िता के पिता मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण करते हैं और वह काम की तलाश में बाहर गए हुए थे। उस समय घर पर उसकी छोटी बहन और पीड़िता ही मौजूद थी।

तीन युवकों ने एक शैतान को सौंपी लड़की

गांव के संदीप, अरुण और अरशद नामक युवक पीड़िता के घर आए। उन्होंने पिता की तबीयत खराब होने का बहाना बनाकर लड़की को अपने साथ ले गए। बाद में पता चला कि इन तीनों ने लड़की को रंजीत नामक युवक के हवाले कर दिया। रंजीत ने उसके साथ दुष्कर्म किया। यह घटना पूरे गांव में चर्चा का विषय बन गई।

पीड़िता की बहन से बताई कहानी

घटना के बाद पीड़िता की बड़ी बहन ने इसकी जानकारी अपने पिता को दी। इसके बाद परिवार ने तुरंत सट्टी थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। पुलिस ने संदीप, अरुण, अरशद, रंजीत, आशादेवी, मुकेश, बलवान और वीर सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। जांच के दौरान पुलिस ने सबूत इकट्ठे किए और आरोपियों की भूमिका स्पष्ट होने के बाद रंजीत के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया।

न्यायालय ने सुनाया यह फैसला

एडिशनल जिला एवं सत्र न्यायाधीश (अपर जिला एवं सत्र न्यायालय) पॉक्सो कोर्ट में दोनों पक्षों की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान पीड़िता का बयान और साक्ष्यों का परीक्षण हुआ। अंत में कोर्ट ने आरोपी रंजीत को दोषी मानते हुए 20 साल का कठोर कारावास तथा 45 हजार रुपए का अर्थदंड सुनाया। यदि आरोपी अर्थदंड का भुगतान नहीं करता है तो उसकी सजा में और वृद्धि हो सकती है।

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