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Share Market: वैश्विक संकेतों से शेयर बाजार फिसला, सेंसेक्स 290 अंक टूटा और निफ्टी 25,000 के नीचे

लगातार छह दिन की तेजी के बाद भारतीय शेयर बाजार में शुक्रवार को मुनाफावसूली देखने को मिली। सेंसेक्स 290 अंक गिरा और निफ्टी 25,000 के स्तर से नीचे आ गया। वैश्विक बाजारों के दबाव और अमेरिकी टैरिफ को लेकर बनी अनिश्चितताओं का असर भारतीय बाजार पर साफ नजर आया।
Post Published By: Sapna Srivastava
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Share Market: वैश्विक संकेतों से शेयर बाजार फिसला, सेंसेक्स 290 अंक टूटा और निफ्टी 25,000 के नीचे

New Delhi: भारतीय शेयर बाजार में लगातार छह दिनों की तेजी के बाद शुक्रवार को गिरावट का दौर शुरू हो गया। वैश्विक बाजारों से मिले-जुले संकेत और अमेरिकी टैरिफ की आशंका ने घरेलू निवेशकों की धारणा को प्रभावित किया। शुरुआती कारोबार में ही बीएसई सेंसेक्स 290 अंक या 0.35 फीसदी गिरकर 81,709 के स्तर पर आ गया। इसी तरह, निफ्टी 50 भी 93 अंक यानी 0.37 फीसदी टूटकर 24,990 पर कारोबार करता दिखा।

मिडकैप और स्मॉलकैप का प्रदर्शन

ब्रॉडर मार्केट में मिश्रित रुख देखने को मिला। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 0.06 फीसदी की मामूली बढ़त के साथ हरे निशान पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 0.24 फीसदी गिर गया। इससे साफ है कि मिडकैप शेयरों में हल्की मजबूती बनी रही, लेकिन स्मॉलकैप निवेशकों ने सतर्कता दिखाई।

सेक्टोरल इंडेक्स में दबाव

सेक्टोरल इंडेक्स की बात करें तो निफ्टी बैंक 0.45 फीसदी और निफ्टी आईटी 0.27 फीसदी गिरावट में रहे। इसके अलावा एफएमसीजी और मेटल शेयरों पर भी दबाव दिखा। हालांकि, फार्मा और कुछ डिफेंसिव सेक्टर्स में हल्की खरीदारी देखी गई जिससे बाजार में थोड़ी स्थिरता बनी रही।

विशेषज्ञ की राय

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वीके विजयकुमार का कहना है कि अमेरिकी टैरिफ का असर बाजार पर दिखाई दे रहा है और यही वजह है कि तेजी की मौजूदा लय टूटी है। उन्होंने कहा कि फिलहाल लार्जकैप शेयर बेहतर परफॉर्म कर रहे हैं। पिछले एक साल में निफ्टी में 1 फीसदी की बढ़त दर्ज हुई है, जबकि निफ्टी मिडकैप 150 में 0.35 फीसदी और निफ्टी स्मॉलकैप 250 में 4.7 फीसदी की गिरावट देखी गई है।

प्रमुख शेयरों का हाल

निफ्टी में सबसे ज्यादा लाभ कमाने वाले शेयरों में लार्सन एंड टुब्रो, भारती एयरटेल, बजाज फाइनेंस और हिंडाल्को शामिल रहे। वहीं एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस 1.24 फीसदी टूटकर सबसे बड़ा लूजर साबित हुआ। इसके अलावा एशियन पेंट्स, एचसीएल टेक, आईसीआईसीआई बैंक और ग्रासिम में भी गिरावट दर्ज की गई।

वैश्विक बाजार का असर

एशिया-प्रशांत बाजारों में शुक्रवार को मिला-जुला कारोबार देखने को मिला। निवेशक अमेरिकी फेडरल रिजर्व चेयरमैन जेरोम पॉवेल के भाषण का इंतजार कर रहे हैं, जिससे ब्याज दरों में कटौती को लेकर संकेत मिल सकते हैं। गुरुवार को अमेरिकी शेयर बाजार लाल निशान पर बंद हुए। डाव जोंस 0.34 फीसदी, नैस्डैक 0.34 फीसदी और एसएंडपी 500 0.4 फीसदी टूटा।

हालांकि, चीन का शंघाई इंडेक्स 0.63 फीसदी और शेन्जेन इंडेक्स 1.24 फीसदी चढ़ा। जापान का निक्केई लगभग स्थिर रहा और 0.01 फीसदी ऊपर बंद हुआ। हांगकांग का हैंगसेंग 0.27 फीसदी बढ़ा जबकि दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.77 फीसदी उछला।

निवेशकों की भागीदारी

विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने गुरुवार को दो दिन की बिकवाली के बाद भारतीय शेयरों में 1,247 करोड़ रुपये की खरीदारी की। घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने भी 2,546 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे और बाजार में भरोसा बनाए रखा।

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