New Delhi: केंद्र सरकार ने औपचारिक रूप से 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (8th CPC) के गठन की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। सरकार की ओर से यह स्पष्ट कर दिया गया है कि वेतन आयोग बनाने का निर्णय ले लिया गया है और अब विभिन्न मंत्रालयों और राज्य सरकारों से आवश्यक सुझाव और विचार मंगाए जा रहे हैं। यह फैसला लाखों केंद्रीय कर्मचारियों और लगभग 67 लाख पेंशनर्स के लिए एक बड़ी राहत और उम्मीद की किरण बनकर सामने आया है।
लोकसभा में सांसद टी.आर. बालू और आनंद भदौरिया ने सरकार से 8वें वेतन आयोग की अधिसूचना और प्रक्रिया को लेकर सवाल पूछे थे। इसके जवाब में वित्त मंत्रालय ने बताया कि अभी तक आयोग की औपचारिक अधिसूचना नहीं की गई है, लेकिन संबंधित विभागों जैसे रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग और राज्य सरकारों से विचार-विमर्श की प्रक्रिया चल रही है।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि आयोग की अधिसूचना जारी होने के बाद ही चेयरपर्सन और सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी। इसके बाद ही आयोग वेतन ढांचे, पेंशन गणना और भत्तों को लेकर अपनी सिफारिशें पेश करेगा, जिन पर सरकार की मंजूरी के बाद अमल होगा।
क्या होगा फायदा?
8वें वेतन आयोग से न केवल वर्तमान में सेवा में कार्यरत कर्मचारियों बल्कि पेंशनधारकों को भी लाभ मिलेगा। आयोग के ज़रिए बेसिक वेतन, महंगाई राहत (Dearness Relief) और भत्तों में संशोधन की संभावना है। इसके तहत DR को बेसिक पेंशन में मर्ज करने पर भी विचार किया जा सकता है, जिससे पेंशन की मासिक राशि में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हो सकती है।
वेतन में कितनी बढ़ोतरी की उम्मीद?
वित्तीय सलाहकार कंपनी एंबिट कैपिटल की एक रिपोर्ट के अनुसार, 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद केंद्रीय कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 40,000 से 45,000 रुपये के बीच तय हो सकता है। हालांकि, डीए (DA) रीसेट होने के कारण शुरुआती वेतन वृद्धि सीमित हो सकती है, लेकिन भत्तों में इजाफा इस अंतर को संतुलित करेगा।
कब तक लागू हो सकता है?
हालांकि सरकार की ओर से जनवरी 2026 को संभावित लागू करने की समयसीमा मानी जा रही है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि बजट अनुमोदन और प्रशासकीय प्रक्रिया के चलते इसमें देरी भी संभव है। फिर भी, यह तय है कि आने वाले महीनों में 8वें वेतन आयोग को लेकर सरकार की गतिविधियां और तेज़ होंगी।

