Patna: बिहार की राजनीति और प्रशासनिक हलचलों के बीच राज्य सरकार ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। चुनावी साल के मद्देनजर प्रशासनिक व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए राज्य सरकार ने 11 IAS अधिकारियों का तबादला किया है। इन अधिकारियों को विभिन्न जिलों में अनुमंडल पदाधिकारी (SDO) और अन्य महत्वपूर्ण पदों पर तैनात किया गया है। यह कदम बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों और प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
किसे मिली कौन सी पोस्टिंग?
बिहार सरकार ने 2023 बैच के आईएएस अधिकारियों को उनके प्रशिक्षण के बाद विभिन्न अनुमंडलों में पोस्टिंग दी है। उल्लेखनीय है कि ये अधिकारी 25 जुलाई 2025 को व्यवसायिक पाठ्यक्रम प्रशिक्षण पूरा करके प्रशासनिक सेवा में नियुक्त हुए थे। इसके बाद वे सामान्य प्रशासन विभाग के अधीन योगदान देते रहे और अब उनकी नियुक्ति विभिन्न जिलों में अनुमंडल पदाधिकारी और अन्य विभागों में की गई है।
इन बड़े आईएएस अफसरों के नाम सूची में शामिल
- अनिरुद्ध पांडेय: अनुमंडल पदाधिकारी, मोहनिया
- कृतिका मिश्रा: अनुमंडल पदाधिकारी, पकड़ी दयाल (पूर्वी चंपारण)
- आकांक्षा आनंद: अनुमंडल पदाधिकारी, बारसोई (कटिहार)
- प्रद्युम्न सिंह यादव: अनुमंडल पदाधिकारी, गोगरी (खगड़िया)
- अंजली शर्मा: विशेष कार्य पदाधिकारी, समाज कल्याण विभाग
- रोहित कर्दम: अनुमंडल पदाधिकारी, शेखपुरा
- शिप्रा विजय कुमार चौधरी: विशेष कार्य पदाधिकारी, शिक्षा विभाग
- नेहा कुमारी: विशेष कार्य पदाधिकारी, स्वास्थ्य विभाग
चुनावी साल में प्रशासनिक फेरबदल का महत्व
2025 में बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं, इसलिए प्रशासनिक तबादलों को विशेष महत्व दिया जा रहा है। चुनावी माहौल में प्रशासनिक कार्यों की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना हर सरकार की प्राथमिकता होती है। इस बार भी बिहार सरकार ने नए और युवा IAS अधिकारियों को महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त कर प्रशासन को चुस्त-दुरुस्त करने की रणनीति अपनाई है।
प्रशासनिक तबादलों के पीछे की रणनीति
बिहार में प्रशासनिक तबादले आमतौर पर चुनाव से पहले होते हैं, ताकि प्रशासन की कार्यकुशलता बनी रहे और किसी भी राजनीतिक दबाव या गड़बड़ी की संभावना कम हो। इस बार भी सरकार ने इसी रणनीति के तहत ताजा फेरबदल किया है। विभागीय सूत्रों के अनुसार इन नए अधिकारियों को खासतौर पर ग्रामीण और संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया गया है ताकि वहां की प्रशासनिक समस्याओं का समाधान हो सके और विकास कार्यों में कोई बाधा न आए। इसके साथ ही अधिकारी वर्ग में नए जोश और उत्साह के साथ काम करने की उम्मीद जताई जा रही है।