Dehradun: उत्तराखंड में एक बार फिर मॉनसून पूरी तरह सक्रिय हो गया है। मौसम विज्ञान केंद्र द्वारा देहरादून, टिहरी, नैनीताल, उत्तरकाशी और बागेश्वर जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी के साथ **ऑरेंज अलर्ट** जारी किया गया है। विभाग ने गर्जन, आकाशीय बिजली और अत्यंत तीव्र बारिश के दौर की आशंका जताई है।
पर्वतीय क्षेत्रों में तबाही, मैदानी इलाकों में उमस
राज्य के पर्वतीय इलाकों में लगातार हो रही बारिश ने लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। नदियों और नालों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे किनारे बसे गांवों में दहशत का माहौल है। वहीं, मैदानी क्षेत्रों में दिन में उमस भरी गर्मी के बाद शाम को मूसलाधार बारिश देखने को मिली।
उत्तराखंड में मानसून का कहर: भारी बारिश का अलर्ट जारी, पहाड़ी क्षेत्रों में तबाही
रविवार को देहरादून में सुबह बादल छाए रहे, लेकिन दोपहर में तेज धूप ने लोगों को बेहाल कर दिया। शाम करीब 5 बजे शुरू हुई भारी बारिश देर रात तक जारी रही। नदी किनारे बसे लोग रातभर जागकर सतर्कता बरतने को मजबूर हो गए।
तेलगाड नदी में उफान, हर्षिल में फिर से संकट
उत्तरकाशी जिले के हर्षिल क्षेत्र में **तेलगाड नदी** का जलस्तर रविवार की शाम अचानक बढ़ गया। इससे वहां झील खोलने में जुटे श्रमिकों और अन्य स्थानीय लोगों में अफरा-तफरी मच गई। प्रशासन ने खोज एवं राहत कार्य में लगी टीमों को सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि 5 अगस्त को खीर गंगा नदी में आए विनाशकारी सैलाब ने धराली गांव में तबाही मचाई थी, जबकि हर्षिल के पास तेलगाड नदी के उफान के चलते सेना का कैंप बह गया था। इस हादसे में **9 जवान लापता** हो गए थे।
चमोली, मसूरी और चकराता में भी बेमौसम का कहर
चमोली जिले के थराली और आसपास के क्षेत्रों में रातभर मूसलाधार बारिश होती रही। स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है। कई लोग रातभर सो नहीं सके।
मसूरी में हल्की बारिश का दौर दिनभर जारी रहा, जबकि कालसी और चकराता क्षेत्र में दोपहर बाद भारी बारिश हुई, जिससे भूस्खलन की आशंका बढ़ गई है। सड़कों पर फिसलन बढ़ गई है और आवाजाही में परेशानी हो रही है।
यूपी में मॉनसून की वापसी: अगले कुछ दिनों में भारी बारिश की चेतावनी, उमस से फिलहाल राहत
प्रशासन की अपील: सतर्क रहें, नदियों के किनारे न जाएं
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदियों और नालों के किनारे न जाएं और मौसम विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। आपदा प्रबंधन दलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। SDRF और NDRF की टीमें संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात कर दी गई हैं।
पर्वतीय क्षेत्रों में कई जगह भूस्खलन की घटनाएं भी सामने आ रही हैं, जिससे सड़कें अवरुद्ध हो रही हैं और राहत कार्यों में बाधा आ रही है। राज्य सरकार स्थिति पर लगातार निगरानी बनाए हुए है।