Rudraprayag: संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 2025 को अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष घोषित किए जाने के उपलक्ष्य में जनपद रुद्रप्रयाग में आज पांच दिवसीय सहकारिता मेले का शुभारंभ गुलाबराय क्रीड़ा मैदान में भव्य रूप से किया गया। भारत सरकार एवं उत्तराखंड सरकार के दिशा-निर्देशों पर उत्तराखंड सहकारिता विभाग द्वारा प्रदेशभर में सहकारिता मेलों का आयोजन किया जा रहा है।
मेले का उद्घाटन मुख्य अतिथि विधायक रुद्रप्रयाग भरत चौधरी द्वारा रिबन काटकर एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। तत्पश्चात आयोजन समिति द्वारा उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों का पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिन्ह भेंटकर स्वागत किया गया।
इस उपलक्ष पर विधायक रुद्रप्रयाग भरत चौधरी ने कहा कि सहकारिता केवल आर्थिक गतिविधि नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और ग्रामीण विकास की आत्मा है। उन्होंने कहा कि ऐसे मेलों के आयोजन से महिलाएं स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आत्मनिर्भर बन रही हैं, जो पूरे समाज की उन्नति का प्रतीक है।
उन्होंने आगे कहा कि स्थानीय उत्पादों को बाजार मिलना और महिला समूहों का आर्थिक सशक्तिकरण इस मेले की बड़ी उपलब्धि होगी। राज्य सरकार सहकारिता को एक योजना नहीं बल्कि रोजगार, उद्यमिता और ग्रामीण समृद्धि का आंदोलन बना रही है। उन्होंने बताया कि सरकार का लक्ष्य अधिक से अधिक लोगों को सहकारिता से जोड़ना है, ताकि गांवों में समृद्धि और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिले।
विभिन्न विभागों के स्टॉल बने आकर्षण का केंद्र
मेले में कृषि, उद्यान, मत्स्य, डेयरी, पशुपालन, उरेडा, उद्योग, पर्यटन, समाज कल्याण, स्वास्थ्य, सहकारिता, सेवायोजन, IFFCO, नाबार्ड, आयुर्वेदिक एवं यूनानी विभाग सहित अनेक विभागों द्वारा स्टॉल लगाए गए हैं। इन स्टॉलों के माध्यम से सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी जनता तक पहुंचाई जा रही है तथा स्थानीय लोगों को योजनाओं से लाभान्वित किया जा रहा है। स्थानीय जनता एवं गणमान्य व्यक्तियों ने भी इन स्टॉलों का उत्साहपूर्वक अवलोकन किया।
स्थानीय उत्पादों से युवाओं को मिलेगा रोजगार
सहायक निबंधक सहकारिता आर.एस. राणा ने बताया कि सहकारिता मेलों का उद्देश्य स्थानीय उत्पादों को स्थायी बाजार और पहचान उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि इस मेले के माध्यम से जनपद के महिला और युवक समूहों द्वारा तैयार जैविक उत्पाद, हस्तशिल्प, दुग्ध, पशुपालन एवं कृषि उत्पाद न केवल ग्रामीणों की आय बढ़ाएंगे बल्कि रोजगार सृजन का बड़ा माध्यम भी बनेंगे।
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संस्कृति और परंपरा का संगम बनेगा यह आयोजन
यह पांच दिवसीय मेला 29 अक्टूबर से 02 नवंबर 2025 तक चलेगा। मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों, कार्यशालाओं, प्रतियोगिताओं एवं मनोरंजन कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। यह मेला न केवल स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में सहायक होगा, बल्कि रुद्रप्रयाग की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी प्रदर्शित करेगा।

