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Rudraprayag: केदारनाथ यात्रा में घोड़े-खच्चरों के इस्तेमाल पर 24 घंटे की रोक, जानिए क्या है वजह

केदारनाथ यात्रा में इस्तेमाल होने वाले घोड़े-खच्चरों पर 24 घंटों के लिए बैन लगा दिया गया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: Jay Chauhan
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Rudraprayag: केदारनाथ यात्रा में घोड़े-खच्चरों के इस्तेमाल पर 24 घंटे की रोक, जानिए क्या है वजह

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ यात्रा पर पहुंचे यात्रियों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। दरअसल पशुपालन विभाग ने घोड़े-खच्चरों के इस्तेमाल पर 24 घंटे की रोक लग गई है। पशु पालन विभाग ने यह रोक पशुओं में एक्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस की शिकायत मिलने पर लगाई गई है।

जानकारी के अनुसार केदारनाथ यात्रा मार्ग पर बीते दो दिनों से घोड़े-खच्चरों की मौतों हो रही है जिसने तीर्थयात्रियों, पशुपालकों और प्रशासन को सकते में डाल दिया है। अब तक 14 घोड़े-खच्चरों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो चुकी है, जिसके चलते पशुपालन विभाग ने एहतियातन इनका संचालन 24 घंटे के लिए अस्थायी रूप से रोक दिया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार रविवार को आठ और सोमवार को छह घोड़े-खच्चरों की अचानक मौत हो गई। घटना की सूचना पर सचिव पशुपालन डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम तत्काल रुद्रप्रयाग पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया।

उन्होंने इसे गंभीर मामला बताते हुए कहा कि जांच पूरी होने तक किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

डॉ. पुरुषोत्तम ने बताया कि मंगलवार को केंद्र सरकार और हरियाणा के हिसार से विशेषज्ञ टीमें केदारनाथ पहुंचेंगी। ये टीमें मृत पशुओं के सैंपल की जांच करेंगी, ताकि मौत के असली कारणों का पता लगाया जा सके। प्रारंभिक जानकारी में बैक्टीरियल संक्रमण की आशंका जताई जा रही है, लेकिन विस्तृत रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।

उन्होंने बताया कि इससे पहले 4 अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच करीब 16,000 घोड़े-खच्चरों की इक्वाइन इन्फ्लुएंजा जांच की गई थी, जिनमें से 152 केस सीरो पॉजिटिव मिले थे, हालांकि सभी की आरटीपीसीआर रिपोर्ट निगेटिव रही थी।

प्रशासन ने यह निर्णय लिया है कि आगे से हर घोड़े-खच्चर को यात्रा मार्ग पर भेजने से पहले अनिवार्य स्वास्थ्य जांच से गुजरना होगा। किसी भी लक्षण के मिलने पर आरटीपीसीआर टेस्ट किया जाएगा और रिपोर्ट आने तक पशु को क्वारंटीन में रखा जाएगा।

मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ आशीष रावत ने बताया कि पशुओं की मृत्यु को रोकने और इसकी जांच के लेकर भारत सरकार से वैज्ञानिकों का एक दल कल रुद्रप्रयाग पहुंच जाएगा।

ऐसे में निर्णय लिया गया है कि आगामी 24 घंटे में पशुओं के संचालन पर पूर्णतया रोक रहेगी, जिस दौरान अस्वस्थ पशुओं को पृथक कर क्वारंटाइन किया जाएगा एवं राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान संस्थान हिसार को प्रेषित की गई जांच रिपोर्ट आने तक रोक जारी रहेगी।

उन्होंने कहा कि रोक हटाने संबंधी निर्णय जांच रिपोर्ट आने के बाद ही लिया जाएगा।

गौरतलब है कि केदारनाथ यात्रा में हजारों घोड़े-खच्चर तीर्थयात्रियों को ढोने का काम करते हैं। इनकी अचानक मौत से न केवल यात्रा व्यवस्था प्रभावित हुई है, बल्कि पशुपालकों की आजीविका पर भी संकट मंडराने लगा है।

प्रशासन ने यात्रियों से संयम बनाए रखने और विभागीय दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही संचालन को लेकर अगला निर्णय लिया जाएगा।

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