उत्तराखंड में साल 2025 ने कई दिल दहला देने वाली घटनाओं को जन्म दिया। हेलीकॉप्टर दुर्घटना से लेकर बादल फटने, बाढ़ और ट्रेन टक्कर जैसे हादसों ने राज्य को तबाही के कगार पर ला खड़ा किया। इन हादसों में सैकड़ों जानें गईं और लाखों का नुकसान हुआ।

देवभूमि में अनहोनी का साल
Dehradun: उत्तराखंड में साल 2025 ने वह काली छाया डाली, जिसकी यादें हमेशा ताजा रहेंगी। इस साल की घटनाओं ने न केवल राज्य को बल्कि पूरे देश को हिलाकर रख दिया। हेलीकॉप्टर दुर्घटना से लेकर बादल फटने, बाढ़ और ट्रेन टक्कर जैसे हादसों ने सैकड़ों जानें लीं और लाखों का नुकसान किया। क्या यह साल प्रदेश के लिए सबसे काला साल बन गया? आइए जानते हैं 2025 की सबसे बड़ी घटनाओं के बारे में।
15 जून को उत्तराखंड के केदारनाथ मार्ग पर एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना ने सात लोगों की जान ले ली। हेलीकॉप्टर खराब मौसम के कारण गौरीकुंड और त्रिजुगीनारायण के बीच दुर्घटनाग्रस्त हुआ। सभी शव बुरी तरह जल गए थे। यह हादसा इतना भयावह था कि हेलीकॉप्टर के आग में जलने की वजह से सभी यात्री मृत पाए गए।
उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में 5 अगस्त को बादल फटने से एक बड़ा हादसा हुआ। गंगोत्री धाम के पास उफनते नाले का पानी घरों तक पहुंच गया, जिससे कई घर तबाह हो गए। इस हादसे में कई लोगों की जान चली गई और 50 से अधिक लोग लापता हो गए। संपत्ति को भारी नुकसान हुआ और पूरा क्षेत्र शोक में डूब गया।
चमोली जिले के थराली विकासखंड में 22 अगस्त की रात बादल फटने से भारी नुकसान हुआ। मलबे के कारण कई घर और दुकानें तबाह हो गए और कई वाहन भी दब गए। इस आपदा ने क्षेत्र को बुरी तरह प्रभावित किया, जिससे कई लोग घायल हो गए और कई लापता हो गए।
15 सितंबर को देहरादून में अचानक बादल फटने से बाढ़ आ गई। बाढ़ में कई पुलों का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया और जलमग्न क्षेत्र में टपकेश्वर महादेव मंदिर परिसर भी शामिल था। बाढ़ के कारण भारी नुकसान हुआ और कई लोग लापता हो गए। यह प्राकृतिक आपदा पूरे देहरादून क्षेत्र को तबाह कर गई।
30 दिसंबर को चमोली जिले में स्थित विष्णुगाड-पीपलकोटी हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट की सुरंग में दो लोको ट्रेनों की टक्कर हो गई। यह हादसा मजदूरों से भरी ट्रेनों के बीच हुआ, जिससे 60 से 100 के बीच लोग घायल हो गए। बचाव कार्य जारी है और इस घटना के कारण निर्माण कार्य भी रुक गया।
साल के अंतिम दिन, 30 दिसंबर को अल्मोड़ा जिले के द्वाराहाट-रामनगर रूट पर एक बस खाई में गिर गई। इस हादसे में 7 लोगों की मौत हो गई और 12 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। तेज़ ड्राइविंग और सुरक्षा बैरियर की कमी को दुर्घटना का कारण बताया गया।
उत्तराखंड के लिए 2025 एक अभूतपूर्व वर्ष साबित हुआ, जिसमें राज्य को भयंकर प्राकृतिक आपदाओं और हादसों का सामना करना पड़ा। सरकार और प्रशासन को इन घटनाओं से सीख लेकर भविष्य में ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए तत्पर रहना होगा। इन घटनाओं ने राज्य की विकास योजनाओं को भी एक बड़ी चुनौती के रूप में पेश किया।