Site icon Hindi Dynamite News

उत्तराखंड हाईकोर्ट का अहम आदेश, नन्दा देवी महोत्सव में बकरों की बलि के लिए मिलेगा अस्थायी स्थल?

उत्तराखंड के नैनीताल हाईकोर्ट में नन्दा देवी महोत्सव के दौरान बकरों की बलि के लिए अस्थायी स्लाटर हाउस बनाने की याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता पवन जाटव ने कहा कि यह पुरानी परंपरा श्रद्धालुओं की धार्मिक आस्थाओं से जुड़ी है। कोर्ट ने नगर पालिका को अस्थायी स्लाटर हाउस बनाने और नियमों का पालन सुनिश्चित करने का आदेश दिया, ताकि बलि की प्रक्रिया पूरी तरह से नियंत्रित और सुरक्षित रहे।
Post Published By: Poonam Rajput
Published:
उत्तराखंड हाईकोर्ट का अहम आदेश, नन्दा देवी महोत्सव में बकरों की बलि के लिए मिलेगा अस्थायी स्थल?

Nainital: उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित उच्च न्यायालय में नन्दा देवी महोत्सव के दौरान बकरों की बलि के लिए अस्थायी स्थल उपलब्ध कराने की याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई। यह मामला तब सामने आया जब पवन जाटव और उनके साथियों ने जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने नन्दा देवी महोत्सव के दौरान पशु बलि की पुरानी परंपरा को जारी रखने के लिए अस्थायी स्लाटर हाउस बनाने की अनुमति मांगी थी। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि यह परंपरा सदियों से चली आ रही है और श्रद्धालुओं की धार्मिक आस्थाओं से जुड़ी हुई है।

पशु बलि की परंपरा और कोर्ट का फैसला

कुछ साल पहले, उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने मंदिर परिसर में बकरों के प्रवेश और उनके वध पर रोक लगा दी थी। इस आदेश के बाद से भक्तों को अपनी परंपरा को निभाने में कठिनाई हो रही थी। याचिकाकर्ताओं ने अदालत से निवेदन किया था कि श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए, महोत्सव के दौरान बकरों की बलि देने के लिए एक अस्थायी स्लाटर हाउस की व्यवस्था की जाए।

कोर्ट ने इस पर सुनवाई के बाद फैसला सुनाया, जिसमें अदालत ने नगर पालिका को निर्देश दिए कि वह बकरों की बलि के लिए उपयुक्त स्थान चिन्हित करे और वहां अस्थायी स्लाटर हाउस तैयार कराए। अदालत ने इस प्रक्रिया को कठोर नियमों के तहत संचालित करने की बात कही। इसके अलावा, कोर्ट ने फूड इंस्पेक्टर की मौजूदगी सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया, ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो सके।

धार्मिक आस्थाओं और कानूनी नियमों का संतुलन

अदालत ने यह फैसला देते हुए यह भी कहा कि बलि की प्रक्रिया के दौरान सभी नियमों का पालन किया जाना चाहिए। कोर्ट ने यह सुनिश्चित करने की बात की कि बलि का यह कार्य बिना किसी अव्यवस्था के चले और स्वास्थ्य सुरक्षा के मानकों का उल्लंघन न हो। अदालत ने यह स्पष्ट किया कि प्राकृतिक संसाधनों और जानवरों के संरक्षण के दृष्टिकोण से भी यह महत्वपूर्ण है कि बलि के स्थान पर किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो।

उत्तराखंड में मानसून बना आफत: प्रदेश में ऑरेंज-रेड अलर्ट जारी, जनजीवन अस्त-व्यस्त

अस्थायी स्थल की तैयारी और निगरानी

इसके अलावा, अदालत ने यह आदेश भी दिया कि नगर पालिका द्वारा तैयार किए गए अस्थायी स्लाटर हाउस की निगरानी की जाए। स्वास्थ्य विभाग और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौके पर मौजूद रहेंगे ताकि पशु कल्याण और स्वास्थ्य सुरक्षा के दिशा-निर्देशों का पालन किया जा सके।

Uttarakhand Election 2022: उत्तराखंड़ में वोटिंग को लेकर लोगों में दिखा उत्साह, जाने अब तक मतदान प्रतिशत, पढ़ें ताजा अपडेट

Exit mobile version