Dehradun: डोईवाला शुगर मिल का नया गन्ना पेराई सत्र इस साल 21 नवंबर से शुरू होने की संभावना है। मिल प्रशासन ने सत्र के लिए आवश्यक तैयारी को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है और इसके लिए नई तकनीक और उन्नत मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा, ताकि रिकवरी और उत्पादन में सुधार किया जा सके।
मिल प्रशासन की तैयारियां
मिल के अधिशासी निदेशक दिनेश प्रताप सिंह ने जानकारी दी कि मिल प्रशासन इस बार पूरी तैयारी के साथ सत्र शुरू करने जा रहा है। उन्होंने बताया कि गन्ना पेराई सत्र के लिए सभी आवश्यक व्यवस्था पूरी कर ली गई है, जिससे बेहतर उत्पादन की उम्मीद की जा रही है। इसके अलावा, इस बार 57 गन्ना क्रय केंद्रों से गन्ने की आपूर्ति की जाएगी, जो कि पहले के मुकाबले बेहतर होगा।
बॉयलर पूजा से शुरुआत
सत्र की शुरुआत 10 नवंबर को बॉयलर पूजा से होगी। दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि मिल प्रशासन बॉयलर पूजा के बाद पेराई सत्र की सभी तकनीकी तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए जुट जाएगा। नए सत्र में उन्नत तकनीक के इस्तेमाल से शुगर मिल के उत्पादन में वृद्धि की उम्मीद जताई जा रही है।
गन्ना मंत्री के दिशा निर्देश
दिनेश प्रताप सिंह ने यह भी बताया कि गन्ना मंत्री के दिशा निर्देशों के अनुसार मिल का संचालन किया जाएगा। गन्ना मंत्री की तरफ से मिले मार्गदर्शन के तहत मिल प्रशासन ने सत्र की शुरुआत की योजना बनाई है और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सत्र में कोई भी तकनीकी समस्या उत्पन्न न हो।
देहरादून: डोईवाला शुगर मिल 21 नवंबर से नया गन्ना पेराई सत्र शुरू करने जा रही है। मिल प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। इस बार नई तकनीक और मशीनों से बेहतर चीनी उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।#SugarMill #CaneCrushing #UttarakhandNews pic.twitter.com/ukwLmWsIUD
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) November 5, 2025
नई तकनीक से बेहतर उत्पादन
मिल प्रशासन ने नई तकनीकों के इस्तेमाल पर विशेष ध्यान दिया है। विशेष रूप से नई मशीनों और उपकरणों का इस्तेमाल करके गन्ना पेराई की प्रक्रिया को और भी ज्यादा प्रभावी बनाने की योजना है। इसके अलावा, इस बार चीनी उत्पादन में भी वृद्धि की उम्मीद है, क्योंकि नई तकनीक और मशीनें गन्ने की अधिकतम रिकवरी को सुनिश्चित करेंगी।
सत्र में सफलता के आसार
मिल प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया है कि सत्र के दौरान सभी प्रबंधन कार्य सुचारू रूप से चलें। साथ ही, उनका उद्देश्य है कि सत्र के दौरान कोई भी विघ्न उत्पन्न न हो, ताकि किसानों को समय पर गन्ने की कीमत मिल सके और मिल का उत्पादन भी प्रभावी ढंग से हो सके।
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अधिशासी निदेशक का बयान
दिनेश प्रताप सिंह ने कहा, “हम इस बार मिल के संचालन को और भी प्रभावी बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। किसानों के साथ हमारा सहयोग मजबूत रहेगा और मिल की उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी। हमारी कोशिश है कि इस सत्र में चीनी का उत्पादन पहले से बेहतर हो।”

