Site icon Hindi Dynamite News

कैशलेस इलाज के नियमों में बड़ा बदलाव, अब माता-पिता के कार्ड पर केवल इन बच्चों का होगा इलाज

आयुष्मान योजना के तहत कैशलेस इलाज के नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: विजय यादव
Published:
कैशलेस इलाज के नियमों में बड़ा बदलाव, अब माता-पिता के कार्ड पर केवल इन बच्चों का होगा इलाज

देहरादून: उत्तराखंड में आयुष्मान योजना के तहत कैशलेस इलाज के नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है। अब माता-पिता के आयुष्मान कार्ड पर केवल छह माह तक के बच्चे को ही मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी। इससे अधिक उम्र के बच्चों के लिए पात्रता शर्तों के अनुसार, अलग से आयुष्मान कार्ड बनवाना अनिवार्य होगा। पहले यह सुविधा पांच वर्ष तक के बच्चों के लिए उपलब्ध थी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के निदेशक वीएस टोलिया ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा नियमों में बदलाव किया गया है, जिसे राज्य में भी लागू कर दिया गया है। अब छह माह से पांच वर्ष तक के बच्चों का आयुष्मान कार्ड बनवाना होगा। अगर बच्चे का आधार कार्ड नहीं बना है, तो उसके अभिभावक के आधार प्रमाणीकरण से काम चल जाएगा। वहीं, पांच वर्ष से ऊपर के बच्चों के लिए आयुष्मान कार्ड के साथ आधार प्रमाणीकरण भी अनिवार्य कर दिया गया है।

योजना का लाभ लेने के लिए राशन कार्ड जरूरी

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2018 में गरीब परिवारों के लिए आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की थी। उत्तराखंड सरकार ने इस योजना का दायरा बढ़ाते हुए इसे एक यूनिवर्सल स्कीम के तौर पर लागू किया, जिसके तहत प्रदेश के 23 लाख परिवारों को पांच लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा दी जा रही है। इस योजना का लाभ लेने के लिए राशन कार्ड अनिवार्य है।

माता-पिता से अलग बनवाना होगा कार्ड

गौरतलब है कि नए नियमों के लागू होने से अब छह माह से बड़े बच्चों के इलाज के लिए उनके माता-पिता को अलग से आयुष्मान कार्ड बनवाना होगा। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने नई व्यवस्था के अनुरूप ही अप्रूवल देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्रदेश में वर्तमान में 59,88,295 आयुष्मान कार्डधारक हैं और इस योजना के तहत अब तक 15,54,174 मरीजों का इलाज किया जा चुका है, जिस पर 2985 करोड़ रुपये से अधिक का व्यय हुआ है।

क्या है आयुष्मान भारत योजना?

आयुष्मान भारत योजना को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के रूप में भी जाना जाता है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य भारत के गरीब और कमजोर परिवारों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करना है, जिससे कि वह स्वास्थ्य संबंधी खर्चों के आर्थिक बोझ से बच सकें।

Exit mobile version