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रुद्रप्रयाग में अलकनंदा-मंदाकिनी का रौद्र रूप; नमामि गंगे घाट जलमग्न, बाढ़ का खतरा बढ़ा

रुद्रप्रयाग में मूसलाधार बारिश से अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों में उफान आया है। नमामि गंगे घाट जलमग्न, शिव मूर्ति डूबी। नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब, प्रशासन सतर्क, निचले इलाके प्रभावित।
Post Published By: Tanya Chand
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रुद्रप्रयाग में अलकनंदा-मंदाकिनी का रौद्र रूप; नमामि गंगे घाट जलमग्न, बाढ़ का खतरा बढ़ा

Rudraprayag: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों को उफनाने पर मजबूर कर दिया है। उच्च हिमालयी क्षेत्रों जैसे केदारघाटी, बद्रीनाथ घाटी और पिंडर घाटी में भारी बारिश के कारण नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। मौसम विभाग ने देहरादून, पौड़ी, टिहरी, उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग और बागेश्वर में भारी बारिश का रेड और येलो अलर्ट जारी किया है। कल देर रात नदियों का जलस्तर अचानक बढ़ा, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई।

नमामि गंगे घाट और शिव मूर्ति जलमग्न
रुद्रप्रयाग में अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों के संगम पर स्थित नमामि गंगे घाट पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं। संगम पर बनी भगवान शिव की मूर्ति भी पानी में डूब चुकी है, जो अब दिखाई नहीं दे रही। नदी के तेज बहाव और फैलाव को देखकर स्थानीय लोग भयभीत हैं। नदी किनारे बसे घरों तक पानी पहुंच रहा है, जिससे कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है। प्रशासन ने नदी किनारे रहने वाले लोगों को अलर्ट मोड पर रखा है और नदी तटों पर जाने पर रोक लगा दी है।

प्रशासन और जल आयोग की सतर्कता
केंद्रीय जल आयोग के कर्मचारी गसूरू लाल के अनुसार, नदियों के जलस्तर पर लगातार नजर रखी जा रही है। अलकनंदा नदी का जलस्तर वर्तमान में 624 मीटर पर है, जो खतरे के निशान 626 मीटर से मात्र 2 मीटर नीचे है। जल आयोग द्वारा ऋषिकेश और हरिद्वार क्षेत्रों को तुरंत सूचित किया जा रहा है ताकि निचले क्षेत्रों में किसी भी आपदा से बचा जा सके। आपदा प्रबंधन विभाग ने भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं।

निचले इलाकों में जलभराव, जनजीवन प्रभावित
रुद्रप्रयाग, चमोली और अन्य प्रभावित क्षेत्रों में निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है। कई सड़कें मलबे और भूस्खलन के कारण अवरुद्ध हो गई हैं, जिससे यातायात और यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। चमोली में बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर विष्णुप्रयाग के पास भूस्खलन की घटनाएं भी सामने आई हैं। स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद कर दिया गया है, और प्रशासन ने लोगों से सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है।

आगे की चेतावनी और सावधानी
मौसम विभाग के अनुसार, अगले 24 घंटों में भारी बारिश जारी रहने की संभावना है। प्रशासन ने स्थानीय निवासियों और यात्रियों से नदी किनारों से दूर रहने और सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने की सलाह दी है। केदारनाथ और बद्रीनाथ यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्रियों को भी सतर्क रहने को कहा गया है। नदियों के उफान ने रुद्रप्रयाग में आपदा की आशंका को बढ़ा दिया है, और प्रशासन हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।

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