लखनऊ: लखनऊ के समिट बिल्डिंग में बवाल के बाद मैनेजर पर फायरिंग करने के मामले में पुलिस की लापरवाही सवालों में घेरे में आयी है।
बता दें लखनऊ की समिट समिट बिल्डिंग स्थित बार और क्लब 30 अगस्त की रात मारपीट और बवाल हो गया। बार मैनेजर पर पिस्टल तानी गई। 2 राउंड फायरिंग हुई। कुर्सियां फेंक-फेंककर मारी गईं। इस पूरी घटना का वीडियो सोमवार को सामने आया।
दोनों मामलों में पीड़ितों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने समय रहते कोई कार्रवाई नहीं की। पहले केस में गोली चलने के बावजूद तत्काल गिरफ्तारी नहीं हुई। दूसरे केस में शिकायत को हल्के में लिया गया। नतीजा यह निकला कि 30 अगस्त को बड़ा हमला हो गया।
समिट बिल्डिंग के 2 बार और क्लब में 30 अगस्त की आधी रात में 2 घंटे के भीतर 2 बार बवाल हुआ। इसके बाद मामले की पुलिस कमिश्नर अमरेंद्र सिंह सिंगर ने एसीपी विभूति खंड को जांच सौंपी गई थी।
विभूति खंड स्थित समिट बिल्डिंग में कई बार और क्लब हैं। यहां देर रात पार्टी कल्चर की आड़ में अक्सर मारपीट हो जाती है। इस बार 30 अगस्त को 2 घंटे के भीतर 2 अलग-अलग बार और क्लब से हिंसा और गोलीबारी के मामले सामने आए हैं। एक केस में पार्टी कर लौट रहे युवक पर नशे में धुत बदमाशों ने गोली चला दी।
पहली मारपीट टिकल पिंक क्लब में हुई थी। इस मामले में रौनक सिंह ने पुलिस को शिकायत दी। इसमें उन्होंने बताया कि वह 30 अगस्त की रात करीब 1.30 बजे दोस्तों के साथ टिकल पिंक क्लब गया था।
वहां पहले से मौजूद शिव और कैफ अपने साथियों के साथ शराब के नशे में गाली-गलौज कर रहे थे। जब मैंने विरोध किया तो उन लोगों ने अपने 4-5 साथियों के साथ मिलकर मारपीट शुरू कर दी।
जांच में सामने आया कि इंस्पेक्टर सुनील सिंह और सब-इंस्पेक्टर सूर्यसेन सिंह ने इन मामलों में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।
पुलिस कमिश्नर ने कहा- थानों और चौकियों पर बैठे अधिकारियों की पहली जिम्मेदारी अपराध पर सख्ती से नियंत्रण करना है। इसमें ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।