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गांव ने किया सम्मान, परिजन बोले– “क्या हीरालाल त्रिवेदी को भुला रहा है प्रशासन?”

जिनकी वजह से आज पूरा देश 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस मना रहा है ऐसे में हरदोई के कुछ स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजन आज भी प्रशासन की उदासीनता और उपेक्षा के चलते अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं उनका कहना है कि उनके परिजनों ने देश की आजादी के लिए तमाम यातनाएं झेली और अपने प्राणों की आहुतियां तक दे दी तब जाकर देश को आजादी मिली लेकिन उसके बाद आज उनके परिजनों की सुधि लेने वाला कोई नहीं है।
Post Published By: Poonam Rajput
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गांव ने किया सम्मान, परिजन बोले– “क्या हीरालाल त्रिवेदी को भुला रहा है प्रशासन?”

Hardoi:  जिनकी वजह से आज पूरा देश 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस मना रहा है ऐसे में हरदोई के कुछ स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजन आज भी प्रशासन की उदासीनता और उपेक्षा के चलते अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं उनका कहना है कि उनके परिजनों ने देश की आजादी के लिए तमाम यातनाएं झेली और अपने प्राणों की आहुतियां तक दे दी तब जाकर देश को आजादी मिली लेकिन उसके बाद आज उनके परिजनों की सुधि लेने वाला कोई नहीं है।

हरदोई के हरियावां गांव के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे पंडित हीरालाल त्रिवेदी के परिजनों को जब गांव के कुछ संभ्रांत लोग सम्मानित करने उनके दरवाजे पर पहुंचे तो वह भावुक हो गए गांव के रहने वाले डॉक्टर देवेंद्र शुक्ला व भारतीय जनता पार्टी के जिला कार्यकारिणी सदस्य नीरज वाजपेयी, अनुज बाजपेई, सहित अन्य कई लोग उनके दरवाजे पर पहुंचे और उन्हें तिरंगा भेंट कर व मिठाई खिलाकर सम्मानित किया गया।

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के परिजनों को मिठाई खिलाते हुए

आपको बता दे की हरदोई के हरियावां गांव से आजादी की लड़ाई में शामिल होने वाले चार स्वतंत्रता संग्राम हुए, जिनमें पंडित शोभाराम त्रिवेदी, पंडित हीरालाल त्रिवेदी, हरि गोविंद अवस्थी, और जगन्नाथ कटियार जिन्होंने देश की आजादी के लिए सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद और भगत सिंह जैसे क्रांतिकारियों की अगुवाई में देश को आजाद करने के लिए लड़ाई लड़ी और जेल भी गए इस दौरान उन्होंने ब्रिटिश हुकूमत द्वारा दी गई तमाम यातनाएं भी झेलीं। लेकिन आज इन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों का हाल लेने वाला कोई नहीं है।  ऐसे में जब स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पं हीरालाल त्रिवेदी के दरवाजे पर पहुंच कर कुछ ग्रामीणों ने उनके परिजनों को तिरंगे के रंग में रंगी पट्टिका पहनाकर तिरंगा भेंट किया और मिठाई खिलाकर उनका सम्मान किया तो वह सब भावुक हो गए। पंडित हीरालाल त्रिवेदी के पुत्र स्वर्गीय कमलाकांत त्रिवेदी जिनका देहांत कुछ ही दिन पहले हुआ है अब उनके परिवार में उनके तीन पौत्र अंजल त्रिवेदी, चंचल त्रिवेदी और अविरल त्रिवेदी हैं, जिनका कहना है कि उनके बाबा का नाम ब्लाक मुख्यालय में लगे एक शिलापट में आज भी दर्ज है, लेकिन ना तो ब्लॉक का कोई भी जिम्मेदार उनके परिजनों का हाल लेने पहुंचता है।  ना ही जिला प्रशासन का कोई भी नुमाइंदा उनकी तरफ देखा है ऐसे में उनकी मांग है कि गांव के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम पर एक स्मारक का निर्माण कराया जाए साथ ही गांव के बस स्टॉप पर एक गेट का निर्माण कराया जाए जो इन सभी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम पर रखा जाए।

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय हीरालाल त्रिवेदी

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय पंडित हीरालाल त्रिवेदी के परिजनों को सम्मानित करने वाले डॉक्टर देवेंद्र शुक्ला और भारतीय जनता पार्टी के जिला कार्यकारिणी सदस्य नीरज बाजपेई, अनुज बाजपेई, राहुल मिश्रा, रजनीश मिश्रा, मनोज मिश्रा, सहित अन्य ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के परिजनों को सम्मानित करते हुए यह महसूस किया कि वह स्वयं एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी को सम्मानित कर रहे हैं जिनकी वजह से आज पूरा देश आजादी का जश्न मना रहा है उन सभी का सम्मान करना हम सभी का दायित्व है जिसके चलते आज हम लोग यहां पहुंचकर उनके परिजनों को सम्मानित कर रहे हैं।

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