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राखी सिर्फ डाक नहीं, भावना है: बाराबंकी डाक विभाग की अनोखी पहल से जुड़ा है दिलों का रिश्ता

क्या आपने इस बार अपनी राखी को समय पर पहुंचाने की पुख्ता तैयारी की है? बाराबंकी डाक विभाग ने एक अनोखा वाटरप्रूफ लिफाफा जारी कर, हर बहन की चिंता को दूर किया है। जानिए कैसे इस साल रक्षाबंधन पर डाक विभाग निभा रहा है रिश्तों की डोर से जुड़ी ज़िम्मेदारी।
Post Published By: Poonam Rajput
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राखी सिर्फ डाक नहीं, भावना है: बाराबंकी डाक विभाग की अनोखी पहल से जुड़ा है दिलों का रिश्ता

Barabanki: रक्षाबंधन सिर्फ एक त्योहार नहीं, भाई-बहन के प्रेम, स्नेह और सुरक्षा का प्रतीक है। इसी भावना को और अधिक सशक्त बनाने के उद्देश्य से बाराबंकी डाक विभाग ने इस वर्ष एक विशेष वॉटरप्रूफ और टिकाऊ राखी लिफाफा जारी किया है। यह पहल न केवल भावनाओं की डोर को मजबूत करती है, बल्कि सुनिश्चित करती है कि राखी समय पर और सुरक्षित तरीके से अपने गंतव्य तक पहुँचे।

 विशेष लिफाफे की खूबियां

डाक विभाग द्वारा जारी यह लिफाफा विशेष रूप से जलरोधी (वॉटरप्रूफ) और मजबूत सामग्री से निर्मित है, जिससे राखी किसी भी प्रकार की क्षति से सुरक्षित रहे। इस लिफाफे की कीमत भी आमजन की पहुंच में है, ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें।

समयबद्ध डिलीवरी का विशेष प्लान

डाक अधीक्षक किरण सिंह ने जानकारी दी कि राखी की समयबद्ध डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए डाक विभाग ने विशेष एक्शन प्लान तैयार किया है। सभी डाकघरों को निर्देश दिए गए हैं कि राखी लिफाफों को प्राथमिकता के आधार पर छांटा जाए और निर्धारित समयसीमा में वितरित किया जाए। इससे यह सुनिश्चित होगा कि कोई भी राखी देरी का शिकार न हो।

 जनता से विशेष अपील

किरण सिंह ने आम नागरिकों से आग्रह किया कि वे इस विशेष लिफाफे का अधिकतम उपयोग करें। उन्होंने कहा, “हम केवल पत्र नहीं पहुंचाते, बल्कि दिलों को जोड़ने का कार्य करते हैं। हमारी यह पहल सिर्फ एक सेवा नहीं, एक भावना है।”

 मंडल स्तरीय व्यवसाय समीक्षा बैठक

इस अवसर पर डाक अधीक्षक कार्यालय बाराबंकी में एक मंडल स्तरीय व्यवसाय समीक्षा बैठक का आयोजन भी किया गया, जिसकी अध्यक्षता स्वयं डाक अधीक्षक किरण सिंह ने की। बैठक में निम्न बिंदुओं की समीक्षा की गई:

अधीक्षक ने स्पष्ट निर्देश दिया कि डाक कर्मी गांव-गांव जाकर जनजागरूकता फैलाएं, विशेष रूप से 10 वर्ष तक की बालिकाओं को सुकन्या योजना से जोड़ने हेतु लक्ष्यबद्ध कैंप आयोजित करें।

डाक विभाग की यह पहल फिर एक बार साबित करती है कि तकनीक और व्यवस्था से जुड़ा यह विभाग आज भी दिलों से जुड़कर काम करता है। राखी जैसे पर्व पर जब एक बहन की भावना समय से भाई तक पहुँचती है, तो यह सिर्फ सेवा नहीं, सजीव संबंधों की डोर बन जाती है।

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