प्रयागराज: नगर निगम की कार्यकारिणी समिति के छह रिक्त पदों के लिए सोमवार को चुनाव होना है। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच सीधी टक्कर देखने को मिलेगी। सपा ने जहां अपने उम्मीदवार पहले ही घोषित कर दिए हैं, वहीं भाजपा में उम्मीदवार चयन को लेकर अब तक घमासान मचा हुआ है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, सपा की ओर से नेम यादव और रमीज हसन को प्रत्याशी बनाया गया है। पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह है और संगठन ने एकजुट होकर चुनाव में उतरने की तैयारी पूरी कर ली है। दूसरी ओर, भाजपा के लिए यह चुनाव आंतरिक मतभेदों के चलते चुनौतीपूर्ण बन गया है। पार्षदों के बीच टिकट वितरण को लेकर नाराजगी साफ तौर पर दिखाई दे रही है।
कई नए पार्षदों ने भी की दावेदारी
भाजपा की ओर से वरिष्ठ पार्षदों जैसे कुसुमलता, आशीष द्विवेदी, आकाश सोनकर, बबलू रघुवंशी और भोला तिवारी समेत 20 से अधिक नामों की चर्चा जोरों पर है। इसके अलावा कई नए पार्षदों ने भी दावेदारी की है, जिससे स्थिति और अधिक जटिल हो गई है। पार्टी नेतृत्व की ओर से अब तक किसी नाम पर अंतिम मुहर नहीं लगाई गई है, जिससे नाराज पार्षदों ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का भी मन बना लिया है।
खुले तौर पर कर सकते हैं बगावत
भाजपा के कुछ वरिष्ठ पार्षद पार्टी से टिकट न मिलने पर खुले तौर पर बगावत कर सकते हैं। यह स्थिति भाजपा के लिए भीतरघात का संकेत है, जो चुनावी गणित को प्रभावित कर सकती है। नगर निगम कार्यकारिणी समिति के कुल 12 सदस्यों में से छह सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है, जिसके चलते यह चुनाव हो रहा है। चुनाव के बाद उपाध्यक्ष पद के लिए भी चुनाव संपन्न कराया जाएगा।
प्रयागराज के विधायक और सांसद भी शामिल
चुनाव में कुल 112 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इसमें नगर निगम के पार्षदों के साथ-साथ प्रयागराज के विधायक और सांसद भी शामिल होंगे। वर्तमान में कार्यकारिणी में भाजपा के चार और सपा के दो सदस्य हैं, जो इस चुनाव में भी अहम भूमिका निभा सकते हैं।
शहर की राजनीति में नए समीकरण
राजनीतिक समीकरणों और आंतरिक कलह के बीच यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा अंततः किन चेहरों पर भरोसा जताती है और क्या सपा अपने घोषित प्रत्याशियों के जरिए मजबूती से मुकाबला कर पाती है। परिणाम आने के बाद शहर की राजनीति में नए समीकरण बनना तय है।