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Pilibhit Crime News: प्रताड़ना से परेशान महिला ने लगाई न्याय की गुहार, पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप

चंदिया हजारा गांव की रहने वाली महिला सुस्मिता मधु इन दिनों न्याय की तलाश में दर-दर भटक रही है। मामले की जानकारी के लिए पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट
Post Published By: Jaya Pandey
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Pilibhit Crime News: प्रताड़ना से परेशान महिला ने लगाई न्याय की गुहार, पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप

पीलीभीत: हजारा थाना क्षेत्र के चंदिया हजारा गांव की रहने वाली महिला सुस्मिता मधु इन दिनों न्याय की तलाश में दर-दर भटक रही है। उसका आरोप है कि उसे न केवल पति और ससुराल वालों द्वारा मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है, बल्कि पुलिस भी उसकी शिकायत के बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, पीड़िता सुस्मिता मधु ने बताया कि नवंबर 2023 में गांव के ही आकाश नामक युवक ने अपने परिजनों की मदद से उसका अपहरण कर लिया था। इस मामले में जब परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई तो आकाश के पिता ने सुलह के तौर पर शादी का प्रस्ताव रखा। इसके बाद सुस्मिता की शादी आकाश से कर दी गई।

पति और ससुराल वालों पर लागाया आरोप

शादी के कुछ ही समय बाद ससुराल में उसका जीवन कठिनाइयों से भर गया। सुस्मिता का आरोप है कि पति और उसके परिवार वाले उस पर लगातार अत्याचार करने लगे और उसे घर से निकालने की साजिश रचने लगे। जब उसने घर छोड़ने से इनकार कर दिया, तो उसका पति अपने परिवार सहित घर छोड़कर चला गया और अब वह एक मेडिकल स्टोर चला रहा है।

मजदूरी कर गुजार रही जिंदगी

सुस्मिता ने बताया कि वह अब अकेली ससुराल में रह रही है और मजदूरी कर किसी तरह अपना गुजारा कर रही है। उसका कहना है कि ससुराल के रिश्तेदार और कुछ पड़ोसी भी उसे लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं। परेशान होकर सुस्मिता ने 21 मई को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

मदद की लगाई गुहार

न्याय की आस में सुस्मिता ने अब क्षेत्राधिकारी (सीओ) से मिलकर मदद की गुहार लगाई है। उसका कहना है कि यदि उसे जल्द न्याय नहीं मिला, तो वह आत्महत्या जैसे कदम उठाने को मजबूर हो सकती है। मामले की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय लोग भी पुलिस प्रशासन से उचित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इस घटना ने एक बार फिर महिला सुरक्षा और न्याय व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह होगा कि पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए प्रशासन क्या कदम उठाता है।

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