गोरखपुर में नीलगायों का आतंक: अब तक 50 बीघा फसल बर्बाद, किसानों की शिकायतों पर वन विभाग चुप

गोरखपुर के खजनी तहसील क्षेत्र के तुर्कवलिया गांव में नीलगायों का आतंक तेज़ी से बढ़ता जा रहा है। पिछले दिनों झुंडों ने लगभग 50 बीघा से अधिक खेती रौंद डाली। किसानों की शिकायतों के बावजूद वन विभाग की लापरवाही से गांव में भारी आक्रोश है।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 7 December 2025, 1:15 AM IST

Gorakhpur: खजनी तहसील क्षेत्र के तुर्कवलिया गांव में नीलगायों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे क्षेत्र के किसान भारी संकट में हैं। बीते कुछ दिनों में नीलगायों ने गांव की लगभग 50 बीघा गेहूं, चना, आलू, लहसुन और हरी सब्जियों की फसलों को रौंद दिया। खेतों में खड़ी तैयार फसल चंद मिनटों में बर्बाद हो गई, जिससे किसानों की सालभर की मेहनत पर पानी फिर गया। फसलों की इस व्यापक तबाही ने पूरे गांव में अफरा-तफरी और आक्रोश का माहौल बना दिया है।

30-40 नीलगाय एक साथ खेतों में धावा बोल देती हैं

ग्रामीणों के अनुसार नीलगायों के झुंडों की संख्या पिछले कुछ महीनों में तेजी से बढ़ी है। कई बार 30 से 40 नीलगाय एक साथ खेतों में धावा बोल देती हैं। इनका भारी झुंड जब किसी खेत से गुजरता है तो गेहूं और सब्जियों के पौधे पैरों तले कुचल जाते हैं। सब्जियों की खेती करने वाले किसान सबसे ज्यादा परेशान हैं, क्योंकि उनकी कोमल फसलों को झुंड मिनटों में नष्ट कर देता है। किसानों ने बताया कि फसल बचाने के लिए जब वे खेतों में पहुंचते हैं तो नीलगाय अक्सर आक्रामक व्यवहार करती हैं और किसानों को दौड़ा लेती हैं। इससे गांव में भय और असुरक्षा की स्थिति बनी हुई है।

IndiGo पर सख्त DGCA: सीईओ पीटर एल्बर्स को 24 घंटे में नोटिस का जवाब देने का आदेश, अब होगी बड़ी कार्रवाई

मुख्यमंत्री हेल्पलाइन तक शिकायत दर्ज कराई

चौंकाने वाली बात यह है कि यह पूरा क्षेत्र वन क्षेत्राधिकारी खजनी कार्यालय से मात्र 100 मीटर की दूरी पर है। इसके बावजूद अब तक न वन विभाग की कोई राहत टीम पहुंची और न ही कोई सुरक्षा उपाय किए गए। किसानों का कहना है कि उन्होंने कई बार वन विभाग, प्रशासन और यहां तक कि मुख्यमंत्री हेल्पलाइन तक शिकायत दर्ज कराई, लेकिन हर बार सिर्फ झूठा आश्वासन मिला।

फसल नष्ट होने से गंभीर आर्थिक संकट में आ गए

किसानों की नाराजगी चरम पर है। मकसुदन पांडेय (एडवोकेट), जुगनी पांडे, विनोद पांडे, दुर्गेश पांडे, रत्नेश पांडे, सोमनाथ पांडे, अखिलेश पांडे, रामकेवल, हरभरण, मोहित और पिल्लू सहित कई किसानों ने बताया कि नीलगायों के आतंक ने उनकी सालभर की कमाई चौपट कर दी है। कई किसान ऐसे हैं जिन्होंने कर्ज लेकर खेती की थी और अब फसल नष्ट होने से वे गंभीर आर्थिक संकट में आ गए हैं।

कैंची धाम और नैनीताल जाने वाले लोग जरूर पढ़ लें ये खबर, रविवार सुबह से बंद हो जाएगी ये सड़कें

किसान कहां जाएं?

ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही नीलगायों को रोकने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाए गए जैसे खेतों की सुरक्षा फेंसिंग, रात्रिकालीन पहरा या वन विभाग की निगरानी टीम तो वे आंदोलन के लिए मजबूर होंगे। उनका कहना है कि यदि वन्य प्राणी से सुरक्षा तक की व्यवस्था सरकार प्रदान नहीं कर पा रही तो किसान कहां जाएं?

वन क्षेत्राधिकारी का क्या कहना है?

इसी बीच वन क्षेत्राधिकारी खजनी की प्रतिक्रिया ने किसानों के गुस्से को और भड़का दिया है। उनका कहना है कि “हां, नीलगायों से फसल नुकसान की जानकारी मिली है, लेकिन किया क्या जा सकता है? किसान पटाखे फोड़कर नीलगायों को भगाएं, हमारे पास इससे अधिक कोई उपाय नहीं है।” अधिकारियों की यह प्रतिक्रिया किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसी प्रतीत हो रही है। ग्रामीणों का कहना है कि जब वन विभाग ही समस्या से निपटने में असमर्थ है तो किसानों की सुरक्षा कौन सुनिश्चित करेगा?

गांव वालों में आक्रोश

तुर्कवलिया गांव के किसान अब एकजुट होकर बड़ा आंदोलन करने की तैयारी में हैं। उनका कहना है कि यदि वन विभाग और प्रशासन ने जल्द कदम नहीं उठाए तो आने वाले दिनों में और अधिक फसलें नष्ट होंगी और किसानों का जीवन गहरे संकट में पड़ जाएगा। फसलों की रक्षा और सुरक्षा के लिए किसान ठोस समाधान की मांग कर रहे हैं और जब तक उन्हें राहत नहीं मिलती, तब तक वे संघर्ष जारी रखने के लिए तैयार हैं।

Location : 
  • Gorakhpur

Published : 
  • 7 December 2025, 1:15 AM IST