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Moradabad News: सफाईकर्मी यूनियन के सदस्यों का जोरदार हंगामा, जानें क्या है पूरा मामला

नगर निगम बोर्ड की बैठक शुरू होने से पहले भारी संख्या में सफाईकर्मी यूनियन के सदस्य सभागार के बाहर एकत्रित होकर किया जोरदार हंगामा। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज की रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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Moradabad News: सफाईकर्मी यूनियन के सदस्यों का जोरदार हंगामा, जानें क्या है पूरा मामला

मुरादाबाद: नगर निगम बोर्ड बैठक से पहले महिला कर्मचारियों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार और असुरक्षा का आरोप लगाते हुए ठेकेदारी खत्म करने के लिए, ठेकेदारी प्रथा के खिलाफ सफाईकर्मियों का जोरदार प्रदर्शन देखने को मिला।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार, नगर निगम बोर्ड की बैठक शुरू होने से पहले भारी संख्या में सफाईकर्मी यूनियन के सदस्य सभागार के बाहर एकत्रित होकर हंगामा करने लगे। हंगामा इतना जोरदार था कि बैठक समय पर शुरू नहीं हो सकी। बैठक में पहली बार गेट पर ही लोगों को रोक दिया जा रहा है। बैठक में केवल पार्षदों को एंट्री दी गई। यहां तक कि मीडिया के प्रवेश पर भी रोक लगाई गई थी।

ठेकेदारी व्यवस्था के खिलाफ हुई नारेबाजी

यूनियन के सदस्य लगातार ठेकेदारी व्यवस्था के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे उनका कहना ये था कि ठेकेदारी हटाओ-सफाईकर्मी बचाओ, महिला मजदूरों की सुरक्षा करो और शोषण बंद करो जैसे नारे लगातार गूंजते रहे।
सफाई कर्मचारियों का उत्पीड़न होने के साथ समय पर वेतन भी नहीं मिल रहे हैं। साथ ही उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि ठेकेदार अपनी मनमानी करते हैं।

महिला सफाईकर्मियों के साथ हो रहा दुर्व्यवहार

यूनियन पदाधिकारियों ने बताया कि खासकर महिला सफाईकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है। जो कि बहुत गलत है। महिलाओं को सुबह चार बजे सफाई कार्य के लिए बुलाया जा रहा है और साथ ही कर्मचारियों को भी असुरक्षित हालात में भी काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। उनका आरोप है कि मजूरों के साथ हमेशा से इस तरह का दुर्व्यहार किया जाता रहा है।

प्रशासन और ठेकेदारों की मिलीभगत

यूनियन नेताओं ने ये भी आरोप लगाया कि मजदूरों की बात नहीं सुनी जाती है क्योंकि निगम प्रशासन और ठेकेदारों की मिलीभगत से काम करते हैं। इसलिए ठेकेदारी प्रथा समाप्त होनी चाहिए जिससे खास कर महिलाओं को सुरक्षा का भरोसा दिलाया जा सके। यूनियन के नेता लल्लाबाबू द्रविड़ का कहना है कि हमारे साथ लगातार अन्याय हो रहा है। महिला कर्मचारियों को सुबह चार बजे बुलाना न सिर्फ अमानवीय है, बल्कि यह उनकी सुरक्षा के साथ भी खिलवाड़ है। जिससे सिर्फ ठेकेदारी प्रथा पर रोक लगाकर ही खत्म किया जा सकता है इसलिए इस प्रथा को हर हाल में खत्म होना बहुत जरुरी है।

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