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गोरखपुर बनेगा विकास का मॉडल, प्रशासन और काश्तकारों के सहयोग से खुला नया रास्ता

गोरखपुर की सदर तहसील में विकास परियोजनाओं को गति देने के लिए प्रशासन ने काश्तकारों के साथ अहम बैठक की। जमीन और मकानों की रजिस्ट्री प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए मुआवजा देने की दिशा में पहल की गई। एसडीएम दीपक गुप्ता और तहसीलदार ज्ञान प्रताप सिंह ने काश्तकारों से संवाद कर समाधान का रास्ता निकाला।
Post Published By: Mayank Tawer
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गोरखपुर बनेगा विकास का मॉडल, प्रशासन और काश्तकारों के सहयोग से खुला नया रास्ता

Gorakhpur: गोरखपुर जिले की सदर तहसील के अंतर्गत चल रही विकास परियोजनाओं में जमीन के स्वामित्व और उपयोग को लेकर आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। जिला प्रशासन की ओर से इन अड़चनों को सुलझाने और विकास कार्यों को गति देने हेतु सदर एसडीएम दीपक गुप्ता और तहसीलदार या डिप्टी कलेक्टर ज्ञान प्रताप सिंह ने काश्तकारों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की है।

इन मुद्दों पर हुई चर्चा

इस बैठक का मूल उद्देश्य उन काश्तकारों की समस्याओं को समझना और उन्हें उचित मुआवजा देकर भूमि रजिस्ट्री की प्रक्रिया को आसान बनाना था। जिनकी जमीनें विकास परियोजनाओं के दायरे में आ रही हैं। बैठक में काश्तकारों ने प्रशासन के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यदि उन्हें पारदर्शी प्रक्रिया और न्यायोचित मुआवजा मिलेगा तो वे जमीन की रजिस्ट्री के लिए तैयार हैं।

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एसडीएम दीपक गुप्ता ने क्या कहा?

प्रशासन ने इस दिशा में तत्परता दिखाते हुए क्षेत्रीय लेखपालों को निर्देशित किया कि वे जल्द से जल्द शेष काश्तकारों से संपर्क करें और उनकी समस्याओं का समाधान करें। एसडीएम दीपक गुप्ता ने स्पष्ट निर्देश दिए कि इस कार्य को युद्ध स्तर पर अंजाम दिया जाए ताकि किसी भी प्रकार की देरी विकास कार्यों को प्रभावित न करे।

विकास कार्यों में कोई रुकावट न आए

उन्होंने कहा, “हमारा प्राथमिक लक्ष्य यह है कि काश्तकारों को उनका हक दिलाया जाए और विकास कार्यों में कोई रुकावट न आए। प्रशासन इस दिशा में पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रहा है।”

प्रशासन की पहल

प्रशासन की इस पहल से सड़क, पुल, नाली और अन्य आधारभूत संरचना से जुड़ी परियोजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाया जा सकेगा। इससे न केवल इलाके में यातायात की सुविधा बेहतर होगी, बल्कि आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। आने वाले समय में यह प्रयास गोरखपुर की सामाजिक और आर्थिक प्रगति में मील का पत्थर साबित हो सकता है।

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एक विशेष निगरानी तंत्र भी तैयार किया गया

तहसीलदार ज्ञान प्रताप सिंह ने कहा कि सभी संबंधित अधिकारी लगातार क्षेत्रीय दौरे कर रहे हैं और काश्तकारों की आपत्तियों को मौके पर ही हल करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि रजिस्ट्री प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए एक विशेष निगरानी तंत्र भी तैयार किया गया है।

टिकाऊ विकास को प्राथमिकता दे रही

इस पूरे अभियान का मुख्य उद्देश्य प्रशासन, काश्तकारों और अन्य हितधारकों के बीच सामंजस्य स्थापित कर विकास कार्यों को सुगमता से पूरा करना है। यह पहल न केवल प्रशासनिक सक्रियता का उदाहरण है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि सरकार आम जनता की भागीदारी के साथ टिकाऊ विकास को प्राथमिकता दे रही है।

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