Kanpur News: उत्तर प्रदेश के कानपुर में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के हैलट पीजीआई में 21 वर्षीय विजय नामक युवक को गंभीर हालत में भर्ती कराया गया, जब उसने खुद ही अपने सिर में चार इंच लंबी कील ठोक दी। विजय, फतेहपुर जिले का रहने वाला है और हाल ही में दिल्ली से लौटकर अपने गांव आया था। वह नशे का आदी था और साइकोसिस नामक मानसिक बीमारी से पीड़ित पाया गया।
“कोई मेरे कान में बोलता है…”
युवक लगातार कहता रहा कि कोई मेरे कान में कुछ बोलता रहता है। पहले धीरे से कहता था, फिर जोर-जोर से। उसने कहा, कील ठोक लो। मैं नहीं ठोकता था तो बार-बार कहता रहा… मैं क्या करता, ठोक ली कील। यह बयान डॉक्टरों को संकेत देता है कि विजय को ऑडिटरी हॉल्यूसिनेशन (कान में आवाजें सुनाई देना) हो रही थीं जो कि साइकोसिस का आम लक्षण है।
डॉक्टरों ने किया मुश्किल ऑपरेशन, बचाई जान
• कील सिर की त्वचा, खोपड़ी और दिमाग की तीन सुरक्षा परतों (ड्यूरा, अराकनॉइड, पिया मेटर) को भेदती हुई नसों तक पहुंच गई थी।
• सर्जरी में ड्रिल मशीन की मदद से सिर का ऊपरी हिस्सा काटा गया।
• नसों के पास कील होने के कारण बेहद सावधानी से सर्जरी करनी पड़ी।
नशे और न्यूरोकेमिकल असंतुलन से उत्पन्न मानसिक विकृति
डॉ. धनंजय चौधरी (मनोरोग विशेषज्ञ) के अनुसार, विजय साइकोसिस नामक मानसिक बीमारी से पीड़ित है। इसका कारण अत्यधिक नशा (विशेषकर शराब), तनाव और नींद की कमी और न्यूरोकेमिकल्स का असंतुलन साइकोसिस में रोगी यथार्थ और कल्पना में भेद नहीं कर पाता। उसे अजीब आवाजें सुनाई देती हैं, वह आत्म-क्षति करने जैसे खतरनाक कदम उठा सकता है।
परिवार को नहीं था अंदाजा, मिर्गी के दौरे से खुला मामला
विजय ने जब अपने सिर में कील ठोकी, उसने किसी को नहीं बताया। कुछ ही दिनों में उसे मिर्गी जैसे दौरे आने लगे। जब हालत बिगड़ी, तब परिजन उसे डॉक्टर के पास लेकर गए। जांच में सिर में कील का पता चला। विजय के पिता घूरे ने बताया कि वह दिल्ली में मजदूरी करता था, लेकिन नशे की लत लगने के बाद ढाई महीने पहले घर लौट आया था।
मानसिक स्वास्थ्य पर ज़रूरत से ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता
इस मामले ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि मानसिक रोगों को नजरअंदाज करना जानलेवा हो सकता है। कई बार गांव-देहात में ऐसी हालत को भूत-प्रेत या जादू-टोने से जोड़ दिया जाता है, जिससे रोगी समय पर इलाज से वंचित रह जाता है।