गौतमबुद्ध नगर: नोएडा स्पोर्ट्स सिटी घोटाले की जांच तेज़ हो गई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई और ईडी इस मामले में सक्रिय जांच कर रही हैं। सीबीआई अब तक इस घोटाले से जुड़ी 44 अहम फाइलें नोएडा प्राधिकरण से जब्त कर चुकी है और जल्द ही तत्कालीन अधिकारियों से पूछताछ की तैयारी की जा रही है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, सीबीआई ने जिन तीन बिल्डर कंसोर्टियम (लॉजिक्स इंफ्रा डेवेलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, लोटस ग्रीन्स कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड और जनाडु एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। उनसे जुड़ी सभी फाइलें जांच के दायरे में हैं। इन एफआईआर में वर्ष 2011 से 2017 के बीच बिल्डरों, कंसोर्टियम और नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा घर खरीदारों के पैसे हड़पने के गंभीर आरोप लगे हैं।
क्यों होगी अफसरों से पूछताछ
सीबीआई अब तक 10 से अधिक बार नोएडा प्राधिकरण के कार्यालय पहुंच चुकी है और दस्तावेजों की गहन छानबीन की जा रही है। सेक्टर 78, 79 और 101 में जनाडु एस्टेट, एससी-01/150 में लॉजिक्स इंफ्रा और एससी-02/150 में लोटस ग्रीन्स से जुड़ी फाइलें जब्त की गई हैं। जांच एजेंसी अब 2010 से 2016 के बीच इन आवंटनों पर दस्तखत करने वाले करीब 50 अधिकारियों को नोटिस भेजने की तैयारी में है। सभी अधिकारियों से पूछताछ की जा सकती है।
9,000 करोड़ रुपये के घोटाले का खुलासा
वहीं, इस पूरे मामले में भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने लगभग 9,000 करोड़ रुपये के घोटाले का खुलासा किया था। रिपोर्ट में कहा गया कि बिल्डरों को जमीन बेहद कम कीमत पर दी गई। प्राधिकरण को धोखे में रखकर स्वामित्व का अवैध ट्रांसफर किया गया। खेल संरचना अधूरी होने के बावजूद कब्जे के सर्टिफिकेट जारी किए गए।
सीईओ लोकेश एम का बयान
इस बीच नोएडा प्राधिकरण कानूनी कार्रवाई के लिए एक लीगल एडवाइजर की नियुक्ति की प्रक्रिया में है। जो उच्च न्यायालय के आदेशों के अनुपालन और समयबद्ध कार्यवाही सुनिश्चित करेगा। सीईओ लोकेश एम ने बताया कि जल्द ही एक कानूनी सलाहकार की नियुक्ति की जाएगी। गौरतलब है कि बिल्डर पक्ष ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में रिट दाखिल की है। जिसकी सुनवाई भी आने वाले दिनों में हो सकती है।