बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी से रिश्वत का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां इसी कड़ी में तहसील क्षेत्र के सड़वा भेलू गांव (Sadwa Bhelu Village) में तैनात क्षेत्रीय लेखपाल दीपचंद्र श्रीवास्तव पर रिश्वत मांगने के गंभीर आरोप लगे हैं। गांव के तीन लोगों ने उपजिलाधिकारी (Sub-Collector) को शिकायती पत्र देकर बताया कि लेखपाल आय प्रमाण पत्र, नाम संशोधन, और भूमि दाखिल खारिज जैसे कार्यों के लिए खुलेआम पैसों की मांग करता है। इस मामले में एक वीडियो भी वायरल हुआ है, जिसके आधार पर प्रशासन ने लेखपाल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, सड़वा भेलू निवासी रमेश पुत्र रामधीरज ने बताया कि उन्होंने अपने बीमार पुत्र मुरारीलाल के इलाज के लिए आर्थिक सहायता और वृद्धावस्था पेंशन के लिए आय प्रमाण पत्र बनवाने का आवेदन किया था। आरोप है कि लेखपाल ने आवेदन पर रिपोर्ट लगाने के बदले एक हजार रुपये की मांग की। रमेश के काफी मिन्नतों के बाद लेखपाल ने दो सौ रुपये वापस करते हुए पांच सौ रुपये की दो नोट रख लीं। यही लेन-देन एक ग्रामीण ने कैमरे में कैद कर लिया, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया।
रमेश ने यह भी बताया कि उन्होंने खेतौनी में अंश दुरुस्ती के लिए भी आवेदन किया था। वर्ष 2015 में इलाज के लिए उन्होंने एक बीघा जमीन बेची थी, लेकिन खेतौनी में गलती से आधे हिस्से की बिक्री दर्ज हो गई थी। जब उन्होंने इसे दुरुस्त करवाने के लिए लेखपाल से संपर्क किया, तो उसने पचास हजार रुपये की मांग की। काफी अनुनय-विनय के बाद रकम को घटाकर पैंतालीस हजार किया गया, लेकिन रुपये न देने पर आज तक दुरुस्ती नहीं हो सकी।
रमेश का आरोप है कि लेखपाल गांव में खुलेआम कहता था कि “बिना पैसे के बस्ता नहीं खुलता”। साथ ही धमकी भी देता था कि यदि रुपये नहीं दिए, तो भविष्य में कभी दाखिल-खारिज नहीं होने दूंगा।
इसी गांव के एक अन्य निवासी हनुमान पुत्र प्रभु ने भी उपजिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया है कि अपनी भूमि की पैमाईश के लिए उन्होंने लेखपाल से प्रार्थना दी थी, लेकिन लेखपाल ने इसके लिए दस हजार रुपये की मांग की। पैसे न देने पर आज तक पैमाईश नहीं की गई।
बुधवार शाम को जैसे ही रिश्वतखोरी का वीडियो वायरल हुआ, पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। मामला संज्ञान में आते ही एसडीएम ने तत्परता दिखाते हुए लेखपाल दीपचंद्र श्रीवास्तव को निलंबित कर दिया है। प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।
इस प्रकरण ने तहसील प्रशासन की कार्यप्रणाली और पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीण अब लेखपाल की स्थायी बर्खास्तगी और पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं।