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UP News: जौनपुर में गजब का नजारा, एक ही छत के नीचे होती है पूजा-नमाज, जानिये क्या है वजह

जौनपुर जनपद के कोतवाली क्षेत्र में एक ऐसा दृश्य देखने को मिला है जो सबको ही हैरान कर रहा है। जानने के लिए पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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UP News: जौनपुर में गजब का नजारा, एक ही छत के नीचे होती है पूजा-नमाज, जानिये क्या है वजह

जौनपुरः उत्तर प्रदेश का जौनपुर जनपद ऐतिहासिक परंपरा और सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाना जाता है। यहां विभिन्न धर्म और जाति के लोग देखने को मिलते हैं जो भाईचारे का साथ अपना जीवन जीते हैं। जौनपुर का माहौल और रहन-सहन लोगों को हैरान कर देता है। ऐसे ही जौनपुर की यह खबर आपको सोचने में मजबूर कर देगी, जो फिलहाल अभी खबरों में छाई हुई है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, जौनपुर के कोतवाली क्षेत्र में एक ऐसी अनोखी मिसाल देखने को मिली है, जिसने सभी को हौरान करके रख दिया है। बता दें कि अल्फस्टीनगंज में स्थित एक धार्मिक स्थल में एक छत के नीचे मंदिर और मजार बना हुआ है, जहां एक साथ पूजा और नमाज की जाती है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह एक ऐसा स्थल है जहां भगवान गणेश की मुर्ति के सामने मजार मौजूद है। इस दौरान हिंदु और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग साथ में कार्य करते हैं और दोनों के साथ स्थल की साफ-सफाई का काम भी करते हैं। जो आज के समय में एक अनोखी मिसाल बन गई है।

इस धार्मिक स्थल की खासियत यह है कि दोनों समुदाय के लोग बिना लड़े-झगड़े अपनी परंपरा के अनुसार पूजा-पाठ और नमाज पड़ते हैं। जो भाईचारा का सबसे बड़ा प्रतीक है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यहां हर गुरुवार मुस्लिम समुदाय के लोग मजार पर चादर चढ़ाते हैं। वहीं, दूसरी तरफ हिंदु समुदाय के लोग अपनी पूजा-पाठ करते हैं। यह दृश्य देखने लायक है, जो आपको कई ओर नहीं मिलेगा।

यह परंपरा कई वर्षो से चली आ रही है, जहां दोनों समुदाय के लोग मिल-जुलकर रहते हैं। इस स्थल को लेकर कभी भी कोई विवाद नहीं हुआ है। दोनों समुदाय साथ में मिलकर इस स्थल की देखभाल करते हैं और व्यवस्था का ख्याल रखते हैं। बता दें कि इस धार्मिक स्थल में चौरा माता की मूर्ति भी स्थापित है, जहां महिलाएं विशेष रूप से पूजा करती हैं।

सावन के महीने में यहां भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ जमा होती है और कई बार मुस्लिम महिला भी पूजा का हिस्सा बनती है। ये नजारा आपको देश के किसी भी कोने में देखने को नहीं मिलेगा। यह स्थल एक मजबूत संदेश दे रही है, जो एकता का प्रतीक बना हुआ है।

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