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अहिल्या बाई की महिला उत्थान मे महत्वपूर्ण भूमिका रही: गोविंद नारायण

शनिवार को नगर पालिका सिसवा सभागार मे अहिल्याबाई होल्कर की त्रिशताब्दि स्मृति अभियान के तहत 300 वीं जयंती कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
Post Published By: Rohit Goyal
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अहिल्या बाई की महिला उत्थान मे महत्वपूर्ण भूमिका रही: गोविंद नारायण

महराजगंज: शनिवार को नगर पालिका सिसवा सभागार मे अहिल्याबाई होल्कर की त्रिशताब्दि स्मृति अभियान के तहत 300 वीं जयंती कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें पहुंचे विधान परिषद ने नारी उत्थान के अलावा अहिल्याबाई द्वारा किये गए प्रयासों की जानकारी दी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री एवं गोरखपुर क्षेत्र के प्रभारी सदस्य विधान परिषद उत्तर प्रदेश गोविन्द नारायण शुक्ला ने कहा कि अहिल्याबाई द्वारा नारी उत्थान व सामाजिक नवजागरण के अतुलनीय प्रयासों के बारे में उपस्थित मातृ शक्तियों व नगरवासियों को जानकारी विस्तृत जानकारी दी।

पालिका अध्यक्षा शकुंतला जायसवाल ने कहा कि अहिल्याबाई होल्कर एक ऐसी महिला शासक के रुप मे देश को एक नया आयाम दिया था।इस अवसर नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि गिरजेश जायसवाल ने मुख्य अतिथि सहित अन्य अतिथियों का स्वागत किया। इस दौरान भाजपा के जिलाध्यक्ष संजय पांडेय, जर्नालिस्ट प्रेस के जिलाध्यक्ष अजय श्रीवास्तव, दीपक चौधरी,दया सिंह,नागेंद्र मल्ल, राजेश वैश्य, राजू सिंह, रणधीर सिंह सहित अन्य बीजेपी कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

कौन थी देवी अहिल्या बाई

ब्रिटिश प्रशासक और अंग्रेज अधिकारी सर जॉन मालकम ने मालवा के इतिहास पर कार्य किया था, उन्होंने देवी अहिल्या बाई को होल्कर राजवंश की श्रेष्टतम शासिका के रूप में उल्लेखित किया है। देवी अहिल्या बाई द्वारा अपने कार्यकाल में देशभर में 8527 धार्मिक स्थल, 920 मस्जिदों और दरगाह, 39 राजकीय अनाथालय का निर्माण कराया। साथ ही उनके कार्यकाल में धर्मशालाओं, नर्मदा किनारे, देश में प्रमुख धर्मस्थलों पर नदियों किनारे के घाटों, कुंए, तालाब, बाबड़ियों और गोशालाओं ( उस समय इसे पिंजरापोल कहा जाता था) के निर्माण में आर्थिक मदद दी गई थी। अहिल्या बाई के कार्यकाल में होल्कर राजवंश में ही नहीं, बल्कि पूरे भारत में उनके द्वारा कार्य किए गए, जिनकी फेहरिस्त लंबी है।

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