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सड़क पर उतरी ‘आप’, सरकार की इस नीती का किया जमकर विरोध; जानिए पूरा मामला

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों को चरणबद्ध तरीके से बंद करने के फैसले ने एक नया राजनीतिक बवंडर खड़ा कर दिया है।
Post Published By: Poonam Rajput
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सड़क पर उतरी ‘आप’, सरकार की इस नीती का किया जमकर विरोध; जानिए पूरा मामला

Fatehpur: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों को चरणबद्ध तरीके से बंद करने के फैसले ने एक नया राजनीतिक बवंडर खड़ा कर दिया है। अब इस निर्णय के विरोध में आम आदमी पार्टी भी खुलकर मैदान में उतर आई है। फतेहपुर में “मधुशाला नहीं पाठशाला चाहिए” जैसे नारों के साथ आम आदमी पार्टी ने ज़ोरदार प्रदर्शन किया और सरकार के इस कदम को तानाशाही करार देते हुए इसे तुरंत निरस्त करने की मांग की।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, जिलाधिकारी कार्यालय पर हुए विरोध प्रदर्शन में पार्टी कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल को संबोधित 7 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा, जिसमें सरकार से आदेश वापस लेने की मांग की गई है। प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए आप के जिलाध्यक्ष रंजीत कुमार मौर्य ने कहा कि यह मर्जर आदेश न केवल शिक्षा के अधिकार कानून (RTE) और बाल अधिकार संरक्षण अधिनियम का सीधा उल्लंघन है, बल्कि इससे प्रदेश के लाखों परिवारों की रोज़ी-रोटी भी प्रभावित होगी।

क्या बंद हो जाएगा सरकारी स्कूलों का अस्तित्व?

रंजीत मौर्य ने दावा किया कि इस फैसले से राज्य के 27 हजार से अधिक प्राथमिक विद्यालयों का अस्तित्व खत्म हो जाएगा। उन्होंने बताया कि इससे 1.35 लाख सहायक अध्यापक, 27 हजार प्रधानाध्यापक, और हजारों शिक्षा मित्रों व रसोइयों की नौकरियां संकट में पड़ जाएंगी।

वहीं, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार एक ओर शिक्षा का ढांचा तोड़ रही है, जबकि दूसरी ओर शराबबंदी के उलट नीतियां अपनाकर सिर्फ 2024 में 27,308 नए मदिरालय (शराब की दुकानें) खोल चुकी है। उन्होंने तंज कसते हुए पूछा, “उत्तर प्रदेश को पाठशाला चाहिए या मधुशाला?” यह सवाल अब एक राजनीतिक नारे की शक्ल ले चुका है, जिसे आम आदमी पार्टी ने विरोध की मुख्य धुरी बना लिया है।

निजीकरण के बढ़ते कदम और सरकार की मंशा पर सवाल

आम आदमी पार्टी का कहना है कि सरकार परिषदीय विद्यालयों को बंद कर निजी स्कूलों को बढ़ावा देना चाहती है। इससे न केवल गरीब और ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों की शिक्षा बाधित होगी, बल्कि शिक्षा का निजीकरण तेज़ी से बढ़ेगा, जिससे सामाजिक विषमता और गहराएगी।

आंदोलन की चेतावनी

प्रदर्शन के दौरान आप नेताओं ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने यह फैसला वापस नहीं लिया तो पार्टी पूरे प्रदेश में बड़ा आंदोलन छेड़ेगी। यह सिर्फ शिक्षा बचाओ नहीं बल्कि “भविष्य बचाओ” आंदोलन होगा। इस विरोध प्रदर्शन में राजकरण सिंह, विजय कुमार गौतम, राकेश सिंह, राम औतार, राम किशोर, देवेन्द्र सिंह, कोमल, फातिमा और शकुंतला समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल रहे।

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