नई दिल्ली: आज के डिजिटल युग में अधिकतर लोग छोटे-बड़े भुगतान के लिए UPI (Unified Payments Interface) का भरपूर इस्तेमाल कर रहे हैं। Google Pay, PhonePe, Paytm जैसे एप्स ने लोगों की जिंदगी आसान बना दी है, लेकिन बीते कुछ महीनों में लगातार देखने को मिला है कि UPI का सर्वर कई बार डाउन हो जाता है या ट्रांजैक्शन फेल होने लगते हैं। इसकी मुख्य वजह है तेजी से बढ़ता यूजर लोड और UPI सिस्टम पर बढ़ता दबाव।
इन्हीं समस्याओं से निपटने और UPI इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिए भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने 31 जुलाई 2025 से कुछ नए नियम लागू करने का फैसला लिया है। ये बदलाव सभी बैंक, पेमेंट ऐप्स और मर्चेंट नेटवर्क के लिए अनिवार्य होंगे।
क्या हैं नए बदलाव?
दिन में सिर्फ 50 बार ही कर सकेंगे बैलेंस चेक
अब तक कई यूजर्स बार-बार बैलेंस चेक करते रहते थे, जिससे सिस्टम पर अनावश्यक दबाव पड़ता था। 1 अगस्त 2025 से एक UPI यूजर दिन में अधिकतम 50 बार ही बैलेंस चेक कर सकेगा। इसके बाद अगर आप 51वीं बार बैलेंस चेक करने की कोशिश करेंगे, तो सिस्टम आपको अलर्ट देगा और सेवा उपलब्ध नहीं होगी।
अकाउंट लिस्ट सिर्फ 25 बार देख सकेंगे
कोई भी यूजर दिन में अधिकतम 25 बार ही अकाउंट लिस्ट को एक्सेस कर सकेगा। यानी अगर आप बार-बार बैंक लिस्ट या अकाउंट सेलेक्शन स्क्रीन पर जाते हैं, तो उसकी सीमा भी तय कर दी गई है। इससे सर्वर पर अनावश्यक लोड को कम किया जा सकेगा।
AutoPay रिट्राई की लिमिट
UPI AutoPay यानी ई-मैंडेट फीचर में भी बदलाव किया गया है। अब यदि किसी कारणवश पेमेंट फेल होता है, तो उस ट्रांजैक्शन को अधिकतम तीन बार ही रिट्राई किया जा सकेगा, वह भी नॉन-पिक ऑवर्स (Non-Peak Hours) में। इससे बैंकिंग सिस्टम पर वर्कलोड संतुलित किया जा सकेगा।
बैंकों और ऐप कंपनियों को मिले निर्देश
NPCI ने सभी बैंकों, पेमेंट ऐप्स (जैसे PhonePe, Google Pay, Paytm आदि) और मर्चेंट नेटवर्क को आदेश दिया है कि ये सभी बदलाव 31 जुलाई 2025 तक अनिवार्य रूप से लागू कर दिए जाएं। ऐसा न करने पर संबंधित कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।
क्यों जरूरी हैं ये बदलाव?
बढ़ते ट्रैफिक के कारण UPI सर्वर कई बार डाउन हो चुका है
सिस्टम पर बार-बार बैलेंस चेक और अकाउंट एक्सेस के चलते दबाव
AutoPay रिट्राई के चलते पेमेंट सिस्टम फ्रीज़ होने की समस्या
स्मूद और सुरक्षित ट्रांजैक्शन अनुभव सुनिश्चित करना

