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वर्क फ्रॉम होम या नौकरियों में कटौती? दफ्तर में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या में बड़ी गिरावट

भारत में जून के महीने में दफ्तर में बैठकर काम करने वाले पेशेवरों के लिए होने वाली भर्तियों में तीन प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। एक रिपोर्ट ने कहा कि यह आईटी, खुदरा, बीपीओ, शिक्षा, एफएमसीजी और बीमा क्षेत्रों में धारणा कमजोर होने का असर है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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वर्क फ्रॉम होम या नौकरियों में कटौती? दफ्तर में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या में बड़ी गिरावट

मुंबई: भारत में जून के महीने में दफ्तर में बैठकर काम करने वाले पेशेवरों के लिए होने वाली भर्तियों में तीन प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। एक रिपोर्ट ने कहा कि यह आईटी, खुदरा, बीपीओ, शिक्षा, एफएमसीजी और बीमा क्षेत्रों में धारणा कमजोर होने का असर है।

नौकरी जॉबस्पीक सूचकांक के मुताबिक जून, 2023 में भर्तियों के विज्ञापनों की संख्या सालाना आधार पर तीन प्रतिशत गिरकर 2,795 रह गई जबकि साल भर पहले यह संख्या 2,878 थी। माह-दर-माह आधार पर भी भर्तियों के विज्ञापन दो प्रतिशत घट गए।

नौकरी जॉबस्पीक हर महीने जारी होने वाला एक सूचकांक है जो भारतीय नौकरी बाजार की स्थिति और भर्ती गतिविधियों की सूचना देता है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, नौकरी डॉट कॉम के मुख्य कारोबार अधिकारी पवन गोयल ने कहा, ‘‘भारत में दफ्तर में बैठकर काम करने वाले पेशेवर कर्मचारियों के रोजगार बाजार में इस समय संरचनात्मक बदलाव देखा जा रहा है। लंबे समय से प्रौद्योगिकी क्षेत्र और बड़े शहरों में सबसे ज्यादा नौकरियां देखी जा रही थीं। लेकिन अब रियल एस्टेट, तेल एवं गैस, फार्मा और बैंकिंग एवं वित्त जैसे उभरते क्षेत्र भी रोजगार वृद्धि में खासा योगदान दे रहे हैं।’’

रिपोर्ट के मुताबिक, आईटी उद्योग में भर्ती गतिविधियां अब भी चिंता का विषय बनी हुई है। जून में भी साल भर पहले की तुलना में नई नौकरियां 31 प्रतिशत घट गईं। आईटी क्षेत्र से संबंधित सभी तरह की कंपनियों में यह गिरावट देखी गई।

इसके अलावा खुदरा, बीपीओ, शिक्षा, दैनिक उपभोग के सामान (एफएमसीजी) और बीमा क्षेत्रों में भी नई भर्तियों को लेकर असहजता की स्थिति रही।

रिपोर्ट के मुताबिक, अब बड़े शहरों के बजाय अपेक्षाकृत छोटे शहरों में अधिक तेजी से नई भर्तियां हो रही हैं। अहमदाबाद में नई भर्तियों की संख्या साल भर पहले की तुलना में 23 प्रतिशत तक बढ़ गई।

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