Site icon Hindi Dynamite News

Mahakumbh Stampede: रोजाना नहाने वालों का आंकड़ा जारी करने वाले चापलूस अफसर क्यों नहीं बताते कितने लोगों की हुई मौत?

प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ पर योगी सरकार रोजाना नहाने वालों का आंकड़ा जारी कर रही हैं। लेकिन भगदड़ में कितने लोगों की मौत हुई यह आकड़ा सरकार अभीतक साफ नही कर पायी हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की ये एक्सक्लूसिव पूरी रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
Published:
Mahakumbh Stampede: रोजाना नहाने वालों का आंकड़ा जारी करने वाले चापलूस अफसर क्यों नहीं बताते कितने लोगों की हुई मौत?

प्रयागराज: योगी सरकार के चापलूस अफसर अपनी पीट थपथपाने के लिए रोजाना नहाने वालों का आंकड़ा जारी कर रही है, लेकिन भगदड़ की इतनी बड़ी घटना के बाद भी प्रशासन की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सरकार हादसे के कई घंटों बाद भी आंकड़ा नहीं बता पायी। 

महाकुंभ के 17वें दिन ऐसा हादसा हुआ, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। मौनी अमावस्या के अमृत स्नान के लिए पूरे उत्तर प्रदेश, देश और विदेश तक के श्रद्धालु महाकुंभ में जुटे हुए थे। रात में डेढ़ बजे करीब भगदड़ मचने से दर्दनाक घटना हो गई।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार दिल्ली से चौतरफा दबाव पड़ने के बाद योगी सरकार की नींद टूटी और हादसे के 17 घंटे बाद महाकुंभ के डीआईजी वैभव कृष्ण ने आधे-अधूरे आकडों के साथ प्रेस वार्ता कर वो आंकड़ा बताया, जिस पर कई सवाल उठने शुरु हो गये हैं। डीआईजी वैभव कृष्ण के अनुसार हादसे में 30 लोगों की मौत और 90 लोगों को घायल बताया गया। 

वहीं महाकुंभ हादसे के रोजाना नये-नये वीडियों सामने आ रहे जो सरकारी आकड़ों की लगातार पोल खोल रहे हैं। हादसे के दौरान मौजूद लोगों की माने तो मौत और घायलों का आंकड़ा कई ज्यादा है, जिसे सरकार छिपा रही हैं। 

महाकुंभ में हादसे के बाद कई प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बड़ी संख्या में कपड़े और जूते पड़े थे, जिनपर दावा करने वाला कोई नहीं था। तमाम आधार कार्ड मिले हैं, जिसकी पहचान वाले लोगों का पता नहीं चल रहा है। पोस्टमॉर्टम हाउस और अस्पताल के बाहर लोगों की भीड़ जुटी हुई है। लापता लोगों के परिजन लगातार अस्पतालों के चक्कर काट रहे है लेकिन उनको मायूसी ही हाथ लग रही हैं। 

Exit mobile version