पश्चिम बंगाल मदरसा सेवा आयोग पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई अगले हफ्ते

उच्चतम न्यायालय मदरसों में शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में अपने हालिये फैसले के खिलाफ मदरसा प्रबंधन कमेटी की याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई करेगा।

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 8 January 2020, 1:05 PM IST

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय मदरसों में शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में अपने हालिये फैसले के खिलाफ मदरसा प्रबंधन कमेटी की याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई करेगा। वरिष्ठ अधिवक्ता एवम् पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष मामले का विशेष उल्लेख किया और त्वरित सुनवाई का अनुरोध किया।

खुर्शीद ने दलील दी कि पश्चिम बंगाल मदरसा सेवा आयोग अधिनियम से संबंथित न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वालीं पीठ के गत सोमवार का निर्णय न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ के फैसले के विरूद्ध है। खुर्शीद ने इस मामले को वृहद पीठ के सुपुर्द करने की मांग की। न्यायमूर्ति बोबडे ने कहा कि वह इस मामले में अगले हफ्ते सुनवाई करेगा। गौरतलब है कि गत 6 जनवरी को न्यायमूर्ति मिश्रा की पीठ ने मदरसों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए स्वतंत्र आयोग गठित करने से संबंधित पश्चिम बंगाल मदरसा सेवा आयोग अधिनियम 2008 की कानूनी वैधता को सही ठहराया था। खंडपीठ ने कहा था कि अल्पसंख्यक संस्थानों की फंडिंग करने वाली सरकारों और संगठनों को न केवल भर्तियों के लिए अनुशंसा करने का अधिकार होगा, बल्कि नियुक्ति का अधिकार भी होगा।

यह भी पढ़ें: प्रियंका गांधी ने फिर साधा योगी सरकार पर निशाना, कहा- उत्तर प्रदेश सरकार ने की अमानवीयता की हदें पार

कोलकाता उच्च न्यायालय ने मदरसा सेवा कानून 2008 को संविधान के अनुच्छेद 30 का उल्लंघन बताते हुए रद्द कर दिया था। आयोग के जरिए नियुक्त हुए शिक्षकों और राज्य सरकार ने फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। अब शीर्ष अदालत ने इस कानून को वैध ठहराया है। (वार्ता)

Published : 
  • 8 January 2020, 1:05 PM IST