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श्रीलंका ने सहयोग के लिए भारत का आभार व्यक्त किया

दो देशों की अपनी यात्रा के दूसरे चरण में मालदीव से यहां पहुंचे जयशंकर ने साबरी से मुलाकात की और दोनों नेताओं ने आपसी व क्षेत्रीय हितों के मुद्दों पर चर्चा की।
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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श्रीलंका ने सहयोग के लिए भारत का आभार व्यक्त किया

 

कोलंबो: आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका ने पिछले वर्ष 3.9 अरब अमेरिकी डॉलर की ऋण सुविधा दिए जाने और भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा द्विपीय देश की आर्थिक स्थिति में तेजी से सुधार के लिए निवेश बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताने के बाद ऋण पुनर्गठन के लिए अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) को आश्‍वासन देने के लिए शुक्रवार को भारत का आभार जताया।

दो दिवसीय यात्रा पर श्रीलंका पहुंचे जयशंकर ने बृहस्पतिवार को अपने श्रीलंकाई समकक्ष अली साबरी और राष्ट्रपति रानिल विक्रमासिंघे सहित शीर्ष नेताओं से मुलाकात की।

साबरी ने शुक्रवार को ट्वीट किया, ‘‘भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर का कोलंबो में स्वागत करके सम्मानित महसूस कर रहा हूं। पिछले वर्ष 3.9 अरब अमेरिकी डॉलर की ऋण सुविधा दिए जाने तथा कर्ज के पुनर्गठन का आईएमएफ को आश्वासन देने के लिए मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं। श्रीलंका सौभाग्यशाली है कि उसके पास फिक्र करने वाले और सहृय मित्र हैं।’’

दो देशों की अपनी यात्रा के दूसरे चरण में मालदीव से यहां पहुंचे जयशंकर ने साबरी से मुलाकात की और दोनों नेताओं ने आपसी व क्षेत्रीय हितों के मुद्दों पर चर्चा की।

जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘विदेश मंत्री अली साबरी और अन्य मंत्रिस्तरीय सहयोगियों के साथ आज शाम कोलंबो में बैठक हुई। बुनियादी ढांचे,संपर्क, ऊर्जा, उद्योग और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारत और श्रीलंका के बीच सहयोग पर चर्चा की।’’

राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने भारतीय विदेश मंत्री के स्वागत में रात्रि भोज का भी आयोजन किया।

गौरतलब है कि श्रीलंका गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। आईएमएफ से 2.9 अरब डॉलर का ‘ब्रिज लोन’ पाने की कोशिश के साथ वह चीन, जापान और भारत से वित्तीय आश्वासन प्राप्त करने की कोशिश कर रहा है।

ऐसा तभी संभव होगा जब मुद्राकोष को ऋण पुनर्गठन के लिए लेनदारों से आश्‍वासन प्राप्‍त हो। आईएमएफ राहत पैकेज को रोक दिया गया है क्योंकि श्रीलंका इस सुविधा के लिए वैश्विक ऋणदाता की शर्त को पूरा करने के संबंध में कर्ज देने वाले देशों के साथ बातचीत कर रहा है।

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