लखनऊ: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को देश में शेयर बाजार में गिरावट को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, सपा प्रमुख ने कहा कि भारत के बाजारों में मंदी पर ध्यान देना बहुत जरूरी है क्योंकि आम लोग अपना पैसा खो रहे हैं और इससे अर्थव्यवस्था डूब सकती है।
एक्स पर पोस्ट करते हुए अखिलेश यादव ने लिखा, "देश के शेयर बाज़ार में लाखों करोड़ों की गिरावट की ओर ध्यान देना बेहद ज़रूरी है क्योंकि इससे उन आम लोगों की बचत और पूंजी डूब रही है जिनके पास कुछ अतिरिक्त धन निवेश करने के लिए उपलब्ध है, जिससे वो लोग सामान ख़रीदते हैं या सेवाएं और वाहन-भूमि इत्यादि। इनसे ही बाज़ार में ख़रीद-फ़रोख़्त का पहिया घूमता है और साथ ही अर्थव्यवस्था का भी। अगर शेयर मार्केट में आम लोगों के पैसे डूबते हैं तो बाज़ार भी डूबता है और इकॉनमी भी। आज जब युवा वर्ग शेयर बाज़ार में अपनी जमा-पूंजी लगा रहा है तो वो भी बाज़ार की इस अनिश्चितता का भरपूर शिकार हो रहा है। देश के पूंजी बाज़ार के भविष्य के लिए ये एक बेहद ख़तरनाक स्थिति है। शेयर बाज़ार से युवाओं को जब हानि होगी तो वो शेयर व अन्य इंवेस्टमेंट से भी कतराएँगे, जो शेयर मार्केट के फ़्यूचर के लिए पॉज़िटिव सिग्नल नहीं होगा।"
प्रिय निवेशकों
देश के शेयर बाज़ार में लाखों करोड़ों की गिरावट की ओर ध्यान देना बेहद ज़रूरी है क्योंकि इससे उन आम लोगों की बचत और पूंजी डूब रही है जिनके पास कुछ अतिरिक्त धन निवेश करने के लिए उपलब्ध है, जिससे वो लोग सामान ख़रीदते हैं या सेवाएं और वाहन-भूमि इत्यादि। इनसे ही बाज़ार… pic.twitter.com/zfLnjUHENu
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) April 5, 2025
नोटबंदी का भी किया ज़िक्र
इससे अलावा सपा प्रमुख ने नोटबंदी का भी मुद्दा उठाते हुए कहा कि नोटबंदी और मंदी की मार के बाद न पैसे हैं और न ही नौकरी। उन्होंने लिखा, "दूसरी तरफ़ वो लोग हैं जिनके पास नोटबंदी और मंदी की मार के बाद न तो पैसे हैं और न ही नौकरी-रोज़गार। भुखमरी और बेकारी झेल रहे, ऐसे बेरोज़गार-बेबस लोग अपनी कमाई के लिए बाज़ार की गतिविधियों और गतिशीलता के सहारे ही दो वक़्त की रोटी कमाते हैं। इसीलिए शेयर बाज़ार के गिरने का बहुत बुरा दूरगामी असर उनके जीवनयापन पर भी होता है। कड़वा सच ये है कि अगर 1% महाधनी लोगों को छोड़ दिया जाए तो देश के बाक़ी 99% आम लोग अप्रत्यक्ष-प्रत्यक्ष रूप में शेयर बाज़ार की तबाही से तबाह हो रहे हैं।"