लखनऊ: कोरोना के इलाज के लिए जिला प्रशासन जिला प्रशासन की ओर से कई सरकारी और निजी अस्पतालों को अधिकृत किया गया था। सरकारी अस्पतालों में भर्ती हुए कोरोना के मरीजों में से कुछ स्वस्थ होकर अपने घरों को लौट गए। मगर निजी अस्पतालों से से एक बड़ी चौंकाने वाली खबर सामने आई है। लखनऊ के चंदन हॉस्पिटल में 11 मरीजों को भेजा गया था। जहां सभी की मौत हो गई।
चरक अस्पताल में 10 मरीज भर्ती हुए थे। जहां सभी ने दम तोड़ दिया। जबकि बड़े–बड़े अस्पतालों में शुमार अपोलो हॉस्पिटल में 17 कोरोना पॉजिटिव मरीज भर्ती किए थे। वहां भी सभी की मौत हो गई। यही नही मेयो हॉस्पिटल में भी 10 मरीज भेजे गए थे। जहां सभी की सांसें उखड़ गई। निजी हॉस्पिटलो से यह रिपोर्ट आने के बाद सरकार के निर्देश पर प्रशासन जिला प्रशासन ने सख्त कड़ा रुख अपनाते हुए चारों अस्पतालों से रिपोर्ट तलब की है। आज सभी हॉस्पिटलों को जिला प्रशासन के पास अपना जवाब दाखिल करना है। डीएम अभिषेक प्रकाश ने कहा कि सभी अस्पतालों के खिलाफ महामारी एवं आपदा अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी लेकिन अब देखना यह होगा की मरीजों के इलाज के साथ खिलवाड़ करने वाले लापरवाह हॉस्पिटलों पर कारवाई कब तक होगी।

