सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को श्रीलंकाई दोषी की समयपूर्व रिहाई पर पुनर्विचार का दिया निर्देश

उच्चतम न्यायालय ने तमिलनाडु सरकार को करीब 35 साल जेल में बिता चुके एक श्रीलंकाई दोषी की समयपूर्व रिहाई के मुद्दे पर पुनर्विचार करने का निर्देश दिया है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 1 March 2023, 3:13 PM IST

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने तमिलनाडु सरकार को करीब 35 साल जेल में बिता चुके एक श्रीलंकाई दोषी की समयपूर्व रिहाई के मुद्दे पर पुनर्विचार करने का निर्देश दिया है।

शीर्ष अदालत ने यह देखते हुए कि याचिकाकर्ता रिहा होने पर श्रीलंका वापस जाना चाहता है, निर्देश दिया कि उसे एक उचित पारगमन शिविर भेजा जाए जिस पर राज्य फैसला करे।

न्यायमूर्ति ए. एस. ओका और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की पीठ ने कहा कि अदालत को बताया गया है कि राज्य सरकार ने पारगमन शिविरों की स्थापना की है, जहां वीजा समाप्त होने पर भी देश में रुके विदेशियों और शरणार्थियों को रखा जाता है। अगर अदालत द्वारा उस संबंध में कोई निर्देश दिया जाता है तो याचिकाकर्ता को वहां स्थानांतरित किया जाए।

शीर्ष अदालत याचिकाकर्ता राजन द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसने एक फरवरी 2018 की नीति के संदर्भ में समय से पहले रिहाई के अनुरोध को खारिज करने के राज्य के 12 फरवरी 2021 के आदेश को चुनौती दी है।

पीठ ने 24 फरवरी को सुनाए अपने आदेश में कहा, ‘‘ हम तमिलनाडु को निर्देश देते हैं कि वह आज से अधिकतम तीन सप्ताह की अवधि के भीतर इस आदेश में जो भी है, उसके आलोक में याचिकाकर्ता की समय से पहले रिहाई के मुद्दे पर पुनर्विचार करे।’’

पीठ ने पाया कि याचिकाकर्ता को दोषी ठहराया गया, उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी और वह करीब 35 साल जेल में बिता चुका है।

शीर्ष अदालत ने मामले की आगे की सुनवाई के लिए उसे 27 मार्च के लिए सूचीबद्ध कर दिया।

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  • 1 March 2023, 3:13 PM IST