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Sanatana Dharma Remark: सनातन पर टिप्पणी के बाद मुश्किल में फंसे उदयनिधि स्टालिन और प्रियांक खरगे, रामपुर में दर्ज केस

सनातन धर्म को लेकर अभद्र टिप्पणी करने के आरोप में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि और कथित रूप से उनका समर्थन करने वाले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे प्रियंक खरगे के खिलाफ रामपुर में मुकदमा दर्ज हुआ है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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Sanatana Dharma Remark: सनातन पर टिप्पणी के बाद मुश्किल में फंसे उदयनिधि स्टालिन और प्रियांक खरगे, रामपुर में दर्ज केस

रामपुर: सनातन धर्म को लेकर अभद्र टिप्पणी करने के आरोप में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि और कथित रूप से उनका समर्थन करने वाले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे प्रियंक खरगे के खिलाफ रामपुर में मुकदमा दर्ज हुआ है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार पुलिस सूत्रों ने बुधवार को बताया कि अधिवक्ता हर्ष गुप्ता और राम सिंह लोधी ने रामपुर की सिविल लाइंस कोतवाली में यह मुकदमा दर्ज कराया।

सूत्रों के मुताबिक, मुकदमे में उदयनिधि और प्रियंक पर धार्मिक भावनाएं भड़काने और समाज में द्वेष फैलाने का आरोप लगाया गया है।

मुकदमा दर्ज करवाने वाले अधिवक्ता हर्ष गुप्ता ने बताया कि चार सितंबर को अखबारों में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन द्वारा सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया से करते हुए उसे खत्म किए जाने की जरूरत बताए जाने संबंधी एक समाचार प्रकाशित हुआ था।

गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे प्रियंक खरगे ने उदयनिधि के इस बयान का समर्थन किया था, जिससे संबंधित खबर भी एक राष्ट्रीय हिंदी दैनिक में छपी थी। अधिवक्ता ने कहा कि इससे उसकी भावनाएं आहत हुई हैं, जिसके चलते उसने मुकदमा दर्ज कराया है।

तमिलनाडु के युवा कल्याण एवं खेल मंत्री उदयनिधि ने दो सितंबर को चेन्नई में आयोजित एक कार्यक्रम में सनातन धर्म को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। उन्होंने सनातन धर्म की तुलना कोरोना वायरस संक्रमण, डेंगू और मलेरिया से करते हुए इसे खत्म किए जाने की वकालत की थी।

उदयनिधि ने कहा था, ''सनातन धर्म लोगों को धर्म और जाति के आधार पर विभाजित करता है। सनातन धर्म का समूल नाश दरअसल मानवता और समानता को बनाए रखने के हित में होगा।''

उनकी इस टिप्पणी की तीखी आलोचना हुई थी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस से इस बयान की निंदा करने की मांग की है।

हालांकि, उदयनिधि ने बाद में दावा किया था कि उन्होंने सनातन धर्म के अनुयायियों के खिलाफ हिंसा का कोई आह्वान नहीं किया है।

बहरहाल, कई पूर्व न्यायाधीशों और अधिकारियों समेत 260 से ज्यादा प्रबुद्ध नागरिकों ने देश के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ को लिखे पत्र में उदयनिधि के बयान को 'घृणास्पद' करार देते हुए उनसे इसका स्वत: संज्ञान लेने का आग्रह किया है।

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