नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस की परेड में 5 हजार से अधिक कलाकारों ने भाग लिया, जिन्होंने भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को जीवित कर दिया। पारंपरिक नृत्य, संगीत और लोक कला के रूप में प्रत्येक राज्य की संस्कृति को प्रदर्शित किया गया।
संगीत और नृत्य का संगम
परेड के दौरान हजारों कलाकारों ने देश के विभिन्न हिस्सों की संगीत और नृत्य परंपराओं को मंच पर जीवंत किया। विशेष रूप से कर्नाटका, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पश्चिम बंगाल के कलाकारों ने अपनी परंपरागत धुनों और नृत्य शैलियों से कर्तव्य पथ को एक सांस्कृतिक मेले में बदल दिया।
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— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) January 26, 2025
राष्ट्रीय एकता का संदेश
5 हजार कलाकारों की शानदार प्रस्तुति ने यह साबित कर दिया कि भारत अपनी विविधता में एकता का अद्भुत उदाहरण है। गणतंत्र दिवस की परेड ने भारतीय संस्कृति की विविधता और सामूहिक प्रयासों को प्रदर्शित किया, जो देश के हर नागरिक में राष्ट्रीय एकता की भावना को और भी प्रगाढ़ करती है। यह भी दिखाता है कि भले ही भारत में कई भाषाएं, धर्म और जातियाँ हैं, लेकिन सबका दिल एक ही भारत में धड़कता है।
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समृद्ध संस्कृति की प्रदर्शनी
इस बार की परेड में भारतीय संस्कृति के समृद्ध इतिहास और आधुनिकता का अद्भुत मेल देखने को मिला। देश के विभिन्न हिस्सों से आए कलाकारों ने अपने पारंपरिक वेशभूषा में झांकियों का हिस्सा बनकर भारत की सांस्कृतिक धरोहर को सजीव किया। खासतौर पर भारतीय कला और शिल्प के प्रदर्शन ने यह स्पष्ट किया कि भारत अपनी विविधताओं के साथ एक अद्वितीय राष्ट्र है।