नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिये देश की जनता से बात कर रहे हैं। पीएम मोदी ने इस मौके पर देशवासियों को एक बार फिर से दशहरे की बधाई दी है।
मन की बात के मुख्य अंश
हमारे देश में डॉ बाबासाहब अम्बेडकर जैसी महान विभूतियाँ रहीं हैं, जिन्होंने हम सभी को संविधान के माध्यम से एकजुट किया। कुछ ही दिनों बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की जन्म जयंती, 31 अक्टूबर को हम सब, ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के तौर पर मनाएंगे, उन्होंने अपना पूरा जीवन देश की एकजुटता के लिए समर्पित कर दिया।
आजकल हमारा मलखम्ब भी, अनेक देशों में प्रचलित हो रहा है, अमेरिका में आज कई स्थानों पर, मलखम्ब प्रशिक्षण केंद्र चल रहे हैं, आज, जर्मनी हो, पोलैंड हो, मलेशिया हो, ऐसे करीब 20 अन्य देशो में भी मलखम्ब खूब लोकप्रिय हो रहा है।
जब हमें अपनी चीजों पर गर्व होता है, तो दुनिया में भी उनके प्रति जिज्ञासा बढती है, जैसे हमारे आध्यात्म ने, योग ने, आयुर्वेद ने, पूरी दुनिया को आकर्षित किया है, हमारे कई खेल भी दुनिया को आकर्षित कर रहे।
आज जब हम लोकल के लिए वोकल हो रहे हैं तो दुनिया भी हमारे स्थानीय उत्पादों की प्रशंसक हो रही है, जैसे एक उदाहरण खादी है, लम्बे समय तक खादी, सादगी की पहचान रही है, लेकिन खादी आज, पर्यावरण के अनुकूल कपड़े के रूप में जानी जा रही है।
हमें घर में एक दीया, भारत माता के वीर बेटे-बेटियों और सैनिकों के सम्मान में भी जलाना है, मैं अपने वीर जवानों से भी कहना चाहता हूँ कि आप भले ही सीमा पर हैं, लेकिन पूरा देश आपके साथ हैं, आपके लिए कामना कर रहा है। मैं उन परिवारों के त्याग को भी नमन करता हूँ जिनके बेटे-बेटियाँ आज सरहद पर हैं, हर वो व्यक्ति जो देश से जुड़ी किसी-न-किसी जिम्मेदारी की वजह से अपने घर पर नहीं है, अपने परिवार से दूर है– मैं ह्रदय से उसका आभार प्रकट करता हूँ।
पीएम मोदी ने कहा है कि दशहरा संकटों पर जीत का भी पर्व है।

