नयी दिल्ली: सरकार विश्व व्यापार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए प्रमुख देशों के साथ व्यापार समझौते करने के लिए लगातार पहल कर रही है। वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने शुक्रवार को संसद को यह जानकारी दी।
वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री पटेल ने राज्यसभा को एक लिखित उत्तर में बताया कि इन पहलों में द्विपक्षीय बैठकें, अंशधारक परामर्श और व्यापार आंकड़ों का आदान-प्रदान शामिल है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक उन्होंने यह भी कहा कि व्यापार समझौते पर चर्चा के लिए यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन (ईएईयू) के साथ कई द्विपक्षीय बैठकें हुई हैं। प्रारूप पाठ और संदर्भ शर्तों का आदान-प्रदान किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘जनवरी 2022 से ईएईयू व्यापार आंकड़ों, जो समझौते के दायरे और समझौते से संभावित लाभ निर्धारित करने के लिए आवश्यक हैं, का इंतजार किया जा रहा है। सरकार विश्व व्यापार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की दृष्टि से, ईएईयू सहित महत्वपूर्ण व्यापार भागीदारों के साथ व्यापार समझौते को अंजाम देने के लिए लगातार पहल कर रही है।’’
एक अलग जवाब में, मंत्री ने कहा कि भारत का मोबाइल फोन निर्यात अक्टूबर 2023 तक 7.81 अरब डॉलर (लगभग 64,823 करोड़ रुपये) से अधिक बढ़ गया है, जबकि इसी अवधि के दौरान 2022-23 में यह 4.81 अरब डॉलर (लगभग 39,923 करोड़ रुपये) था।
पटेल ने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कहा कि कुछ क्षेत्रों में, जब तक घरेलू विनिर्माण क्षमताएं इष्टतम पैमाने पर नहीं पहुंच जातीं, तब तक घरेलू मांग को विदेशों से आयात के माध्यम से पूरा किया जा रहा है, जिसमें चीन भी शामिल है।
उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2022-23 में भारत और चीन के बीच व्यापार घाटा 83.2 अरब डॉलर का था। वर्ष 2023-24 (अप्रैल-सितंबर) में चीन के साथ व्यापार घाटा वर्ष 2022-23 की समान अवधि की तुलना में 3.91 प्रतिशत कम हुआ है।’’
उन्होंने कहा कि सरकार, चीन में अपने मिशन के माध्यम से, नियमित रूप से चीनी पक्ष के साथ बाजार पहुंच और गैर-शुल्क बाधा के मुद्दों को उठाती है।

