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विवाद के बाद Mamta Kulkarni ने उठाया बड़ा कदम, देखिए अब क्या किया

जब से ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाया गया, तब से नया विवाद खड़ा हो गया था। अब डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में देखिए उन्होंने क्या कदम उठाया
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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विवाद के बाद Mamta Kulkarni ने उठाया बड़ा कदम, देखिए अब क्या किया

नई दिल्ली: बॉलीवुड एक्ट्रेस रहीं ममता कुलकर्णी ने आज किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर पद से इस्तीफा दे दिया है। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, ममता कुलकर्णी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से एक वीडियो शेयर किया है। ममता ने कहा कि मैं किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर के पद से इस्तीफा दे रही हूं। मैं बचपन से ही साध्वी रही हूं और आगे भी रहूंगी। 

विवाद खत्म करने के लिए इस्तीफा दिया

ममता ने कहा, "महामंडलेश्वर का पद मुझे केवल सम्मान के रूप में दिया गया था। मैं इस्तीफा इसलिए दे रही हूं ताकि इसको लेकर विवाद खत्म हो। मैं शुरू से साधवी रही हूं और आगे भी रहूंगी और अखाड़ों को गलत बोलना सही नहीं है"। 

साथ ही उन्होंने कहा कि मैंने ये देखा कि मेरे महामंडलेश्वर बनने से कई लोगों को दुख था और वो एक दूसरे से झगड़ रहे हैं, यही कारण है कि मैं इस्तीफा दे रही हूं।

महामंडलेश्वर बनने से हुआ विवाद

बता दें कि जब से ममता को महामंडलेश्वर बनाया गया, तब से नया विवाद खड़ा हो गया था, जिसके बाद अब उन्होंने इस्तीफे का एलान कर दिया। एक्‍ट्रेस को यह पदवी दिए जाने को लेकर किन्‍नर अखाड़े के अंदर ही विरोध शुरू हो गया था। वहीं संत समाज ने भी इस पर कड़ी आपत्ति जतायी। 

ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े से निष्कासित 

किन्नर अखाड़े के संस्थापक अजय दास और आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी इस मामले पर आमने-सामने आ गए। जिसके बाद ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास, महामंडलेश्वर कंप्यूटर बाबा ने अखाड़े से निष्कासित कर दिया। उन्होंने आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी को भी किन्नर अखाड़े से निष्कासित कर दिया। 

किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास की ओर से पत्र जारी क‍िया गया है, ज‍िसमें ल‍िखा है 'मैं किन्नर अखाड़े का संस्थापक होने के नाते आज आपको यह विदित करते हुए जानकारी देता हूं कि किन्नर अखाड़े के 2015-16 उज्जैन कुंभ में मेरे द्वारा नियुक्त आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को मैं आचार्य महामंडलेश्वर किन्नर अखाड़ा के पद से मुक्त करता हूं। शीघ्र इन्हें लिखित सूचना दे दी जाएगी।' 

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