Site icon Hindi Dynamite News

Maharashtra Crisis: सुप्रीम कोर्ट में बागी नेता एकनाथ शिंदे गुट पर याचिका पर सुनवाई, जानिये ये बड़े अपडेड

महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
Published:
Maharashtra Crisis: सुप्रीम कोर्ट में बागी नेता एकनाथ शिंदे गुट पर याचिका पर सुनवाई, जानिये ये बड़े अपडेड

नई दिल्ली: महाराष्ट्र में सियासी घमासान मचा हुआ है। सियासी संकट के बीच शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है। सुप्रीम कोर्ट में एकनाथ शिंदे गुट ने दावा किया कि उनके पास शिवसेना के 39 विधायकों का समर्थन है। 

सुप्रीम कोर्ट ने एकनाथ शिंदे समेत बागी विधायकों और सभी पक्षों को नोटिस जारी किया है। शीर्ष अदालत ने महाराष्ट्र सरकार, महाराष्ट्र पुलिस और केंद्र सरकार को नोटिस जारी है। बागी विधायकों को तीन दिन में शपथपत्र जमा करना होगा जबकि अन्य पक्षों को पांच दिन में जवाब देना होगा।

सुप्रीम कोर्ट में शिंदे गुट की दो अर्जियों पर सुनवाई हो रही है। इनमें से एक आर्जी आज दाखिल की गई। सुप्रीम कोर्ट में एकनाथ शिंदे गुट का पक्ष वकील एनके कौल रख रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे गुट से पूछा कि आप पहले होई कोर्ट क्यों नहीं गये? शिंद के वकील ने कोर्ट को बताया कि मामला गंभीर है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया गया।

शिवसेना के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में सरकार का पक्ष रखा। सुप्रीम कोर्ट ने उनसे पूछा कि दलीलों के बाद सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या जिस स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया हो वो किसी सदस्य की अयोग्यता की कार्रवाई शुरू कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि अपने खिलाफ आए प्रस्ताव में डिप्टी स्पीकर (नरहरि ज़िरवाल) खुद कैसे जज बन गए? कोर्ट ने पूछा कि शिंदे गुट ने मेल के जरिये डिप्टी स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था, जिसपर विधायकों के साइन थे।

बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में एक और नई याचिका दायर की गई है। इसमें कहा गया है कि बागी विधायकों की जान को शिवसेना कार्यकर्ताओं से खतरा है।

जानकारी के मुताबिक इसमें कहा गया है कि महाराष्ट्र की कानून व्यवस्था पर अब MVA सरकार का कंट्रोल नहीं है। 163 पन्नों की इस याचिका में संजय राउत के विभिन्न बयानों का भी जिक्र है।

Exit mobile version